- रांची सहित पूरे राज्य में निकाला गया मशाल जुलूस
रांची । झारखंड में 8 दिसंबर के आहूत भारत बंद को लेकर तैयारी कर ली गई है। बंद से स्वास्थ्य और जरूरी सेवाओं को मुक्त रखा गया है। वाम और धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक पार्टियों ने विभिन्न व्यावसायिक और व्यापार जगत से जुड़े संगठनों से भी भारत बंद को सफल बनाने की अपील की है।
बंद की पूर्व संध्या पर वाम और धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक पार्टियों ने पूरे राज्य में दो हजार से ज्यादा स्थानों पर मशाल जुलूस निकाला। राजधानी रांची में माकपा, भाकपा, भाकपा (माले), मासस, फारवर्ड ब्लॉक समेत विभिन्न ट्रेड यूनियन, जन संगठन, छात्र-युवा संगठन और महिला संगठनों ने सैनिक बाजार से मशाल जुलूस निकाला। महात्मा गांधी मार्ग होते हुए अल्बर्ट एक्का चौक पर पहुंच कर कल के बंद के समर्थन नारे लगाए। सभा की। रांची में सुबह 8 बजे से मोटर साइकिल जुलूस निकाला जायेगा। विभिन्न स्थानों से जुलूस निकल कर 11 बजे अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचेगा।
मशाल जुलूस में माकपा के राज्य सचिव गोपीकांत बक्शी, प्रकाश विप्लव, सुखनाथ लोहरा, भाकपा के अशोक यादव, अजय सिंह, उमेश नजीर, भाकपा (माले) के शुभेंदु सेन, भुवनेश्वर केवट, मासस के शुसांत मुखर्जी, सामाजिक संगठनों के दयामनी बारला, कांग्रेस के दिलीप कुमार तिवारी समेत कई लोग शामिल थे।
माकपा के राज्य सचिव मंडल के सदस्य प्रकाश विप्लव ने कहा कि बस और ट्रक आनर्स एसोसिएशन और ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन ने भी देशव्यापी ट्रांसपोर्ट हड़ताल का आह्वान किया है। ट्रेड यूनियन, श्रमिक फेडरेशन और कर्मचारी एसोसिएशनों की झारखंड इकाइयों ने भी भारत बंद का सक्रिय रूप से समर्थन किये जाने का एलान किया है।
विभिन्न सांस्कृतिक और साहित्यिक संगठन, छात्रों, युवाओं, महिलाओं के संगठनों ने भी भारत बंद का समर्थन किए जाने की घोषणा की है। गुरुद्वारा कमेटी, महाबीर मंडल, मोहर्रम कमेटी, पठान तंजीम समेत विभिन्न आयोजन कमेटियों ने भी भारत बंद का समर्थन किया है। इस तरह यह बंद ऐतिहासिक होगा। किसानों के संघर्षों को उसकी मंजिल तक ले जाने में सफल होगा।
भाकपा-माले झारखंड राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने भारत बंद का समर्थन करते हुए झारखंड में इसे ऐतिहासिक बनाने की अपील की है। उन्हों ने यह किसानों के सवाल पर सिर्फ किसानों का बंद नहीं है, बल्कि किसान कानून के नाम पर किसानों की मौत के फरमान के खिलाफ मोदी सरकार के खिलाफ चेतावनी है। इस बंद को सिर्फ नैतिक समर्थन की जरूरत नहीं, बल्कि सड़कों पर भारी मात्रा में जन भागीदारी सुनिश्चित कर यह बताना है कि मोदी सरकार अगर किसान विरोधी तीनों कानूनों को रद्द नहीं करती, जबतक एमएसपी को पूरे देश में लागू नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इस बंद में भाकपा-माले हर जिले में पूरी ताकत से उतरकर, जनता की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करेगा।