नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार एक देश एक चुनाव पर आगे बढ़ी है। इसके लेकर एक कमेटी गठित की है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। इसे लेकर विपक्षी दल ने इसे विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के सामने विचार के लिए रखने की सलाह दी।
मोदी सरकार एक देश एक चुनाव की वकालत करती रही है। इस दिशा में सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में समिति बनाई है। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद केंद्र सरकार उसपर आगे बढ़ेगी।
इस मामले में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट के नेता अनिल देसाई ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव, चाहे जो भी अवधारणा हो, उसे विभिन्न राजनीतिक दलों के सामने रखने की जरूरत है। फिर विचार, योगदान, विचार-विमर्श और चर्चा होगी। फिर निर्णय आएगा।
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के संजय राउत ने कहा कि मुझे लगता है कि ये एक चुनाव आगे करने के लिए एक साजिश है। ये लोग चुनाव नहीं कराना चाहते। ये लोग INDIA से डर गए हैं। इनके मन में डर है इसलिए नया-नया फंडा लेकर आते हैं।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अभी तो समिति बनी है। इतना घबराने की बात क्या है? समिति की रिपोर्ट आएगी। फिर पब्लिक डोमेन में चर्चा होगी। संसद में चर्चा होगी। घबराने की बात क्या है? बस समिति बनाई गई है, इसका अर्थ यह नहीं है कि यह कल से ही हो जाएगा।
जानकारी हो कि इसे लागू कर दिए जाने के बाद पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होंगे। इससे खर्च में कमी आएगी। आम जनता को भी एक बार में ही राज्य और केंद्र की सरकार चुनने का अवसर मिलेगा।
आजादी के बाद कई वर्षों तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते थे। बाद में ये अलग-अलग होने तक लगे। फिर से मोदी सरकार एक देश-एक चुनाव की दिशा में आगे बढ़ रही है।
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