
मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुए शर्मनाक और जघन्य बलात्कार कांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। 12 साल की बच्ची से रेप के आरोप में ऑटो चालक की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। आरोपी अभी पुलिस की हिरासत में है।
इस बीच मामले से जुड़ी एक संवेदनशील खबर सामने आई है। शहर के महाकाल थाने के टीआई अजय वर्मा ने पीड़ित बच्ची को गोद लेकर उसकी पढ़ाई-लिखाई का खर्च वहन करने की बात कही है।
इंस्पेक्टर अजय वर्मा ने अपनी दरियादिली दिखाती हुए रेप पीड़िता को गोद लेने की बात कही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि बच्ची के घरवालों की मर्जी होगी, तब ही वह बच्ची को गोद लेंगे।
टीआई ने कहा, पीड़ित बच्ची के कराहने की आवाज से मेरा मन द्रवित हो गया। मैंने उसी समय संकल्प लिया कि इस बच्ची को संरक्षण प्रदान करूंगा। उस बच्ची को मैंने पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने का संकल्प लिया है। गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया मुझे मालूम नहीं है। लेकिन उसके विवाह, स्वास्थ्य, शिक्षा की जिम्मेदारी मेरी है। उसको पूरा करेंगे।
उज्जैन एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि महाकाल थाने में पदस्थ टीआई अजय वर्मा ने इच्छा जाहिर की है कि अगर मासूम का परिवार और उसके दादाजी चाहेंगे, तो वह स्वयं उसका लालन पालन करेंगे। बच्ची को अच्छी शिक्षा भी दिलाएंगे।
हालांकि, इसके लिए बच्ची के परिवार और दादाजी की रजामंदी जरूरी है। इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद और इंस्पेक्टर अजय वर्मा की मानवीयता से प्रभावित होकर अन्य लोग भी मदद के लिए आगे आए हैं। इंस्पेक्टर अजय वर्मा की यह पहल समाज को एक नई सीख प्रदान करेगी।
बता दें कि, करीब 12 साल की बच्ची सोमवार को उज्जैन के महाकाल थाना क्षेत्र स्थित एक सड़क पर खून से लथपथ पाई गई थी। पुलिस ने कहा कि पीड़िता को एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी प्रारंभिक चिकित्सा जांच में दुष्कर्म किए जाने की पुष्टि हुई।
पीड़िता का बुधवार को इंदौर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम ने ऑपरेशन किया और अब उसकी हालत गंभीर पर स्थिर बताई जा रही है। फिलहाल घायल हालत में मिली बच्ची का इंदौर के एक अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। अंदरूनी अंगों में चोट लगने के कारण डॉक्टरों को पीड़िता का ऑपरेशन तक करना पड़ा। पीड़िता की हालत गंभीर है, लेकिन स्थिर है।
यहां बता दें कि उज्जैन से रेफर करने के बाद जब दुष्कर्म पीड़ित बच्ची को इंदौर ले जाया गया, तब भी पुलिसवालों ने तीन यूनिट खून दिया था। क्योंकि रेप के चलते आई अंगों में चोट से नाबालिग का काफी खून बह चुका था।