वाशिंगटन। हर भारतीय के लिए गर्व करने वाली खबर है। विकास की राह पर तेजी से बढ़ रहे भारत को आज पूरी दुनिया सलाम कर रही है। बता दें कि वैश्विक स्तर पर भारत का स्थान काफी ऊंचा हो गया है और खुद को एक ऐसे देश के रूप में स्थापित कर रहा है, जो अन्य देशों को एक साथ लाता है।
जी-20 के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में इस प्रभावशाली समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।
प्रतिष्ठित हडसन इंस्टीट्यूट थिंक-टैंक की अपर्णा पांडे ने कहा कि इस सप्ताह भारत जी-20 की मेजबानी करेगा। पहली बार कोई दक्षिण एशियाई देश इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।
भारत लंबे समय से वैश्विक स्तर पर ऊंचा स्थान हासिल करने की कोशिश कर रहा था और इन शिखर सम्मेलनों की मेजबानी इस बात का प्रमाण है कि भारत उस स्थान पर पहुंच गया है।
पांडे ने कहा कि वर्ष 2023 भारत का वर्ष है, क्योंकि इस दौरान दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश नौ महीने से अधिक समय तक वैश्विक स्तर पर सुर्खियों में रहा है।
उन्होंने कहा कि दिसंबर 2022 में भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का अध्यक्ष था। जनवरी 2023 में भारत ने ग्लोबल साउथ समिट बुलाया और मई 2023 में उसने जापान में जी-7 और क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया।
पांडे ने बताया कि जुलाई में भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन की मेजबानी की और दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह) शिखर सम्मेलन के विस्तार में शामिल हुआ।
उद्यमी, समाजसेवी और इंडियास्पोरा के संस्थापक एम आर रंगास्वामी ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता इससे बेहतर समय पर नहीं हो सकती थी।
उन्होंने कहा कि भारत एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति है और खुद को एक ऐसे देश के रूप में स्थापित कर रहा है, जो अपनी कथनी और करनी से अन्य देशों को एक साथ लाता है।
रंगास्वामी ने कहा कि भारत की बढ़ती ताकत और अलग-अलग क्षेत्रों में प्रवासी भारतीयों का बढ़ता कद एवं प्रभाव पारस्परिक रूप से फायदेमंद और हितकारी है।