विधानसभा अध्‍यक्ष से मिला झारखंड बंगाली समिति का‍ शिष्‍टमंडल, इन मांगों पर चर्चा

झारखंड
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दुमका। झारखंड बंगाली समिति की दुमका जिला शाखा का एक प्रतिनिधिमंडल विधानसभा अध्‍यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो से उनके आवास पर मिला। झारखंड बंगाली समिति के संरक्षक दिवाकर महतो ने इसका नेतृत्व किया। उन्‍हें 3 सितंबर, 2023 को झारखंड बंगाली समिति के जोनल सेमि‍नार में सर्वसम्मति से पारित 12 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया।

इस अवसर पर समिति ने विधानसभा अध्‍यक्ष को दुमका से प्रकाशित श्यमलिमा पत्रिका, समकालीन विषयों पर लिखे गए उत्कृष्ट पुस्तकें और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। मांग पत्र पर चर्चा के दौरान शिष्टमंडल के सदस्यों ने कहा कि‍ झारखंड बनने के बाद बंगला पठन-पाठन की स्थिति में लगातार ह्रास हो रहा है

विद्यालय, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालयों में बंगला भाषा साहित्य के शिक्षक के सेवानिवृत्त होने के बाद भी नियुक्ति नहीं हो रही है। इसके कारण छात्र संख्या घट रहा है। +2 उच्च विद्यालयों में दो बार नियुक्ति हुई, परन्तु दोनों बार बंगला भाषा के पद का विज्ञापन नहीं निकाला गया।

बंगला पाठ्य-पुस्तकों एवं प्रश्नपत्रों की आपूर्ति बंद कर दी गई है। अबिलंब शिक्षक नियुक्ति, पाठ्य-पुस्तकों की आपूर्ति होनी चाहिए। दुमका जिला के स्थापना अनुमति प्राप्त उच्च विद्यालय (कुमड़ाबाद) और सरसाजोल को बंगला भाषाई अल्पसंख्यक विद्यालय घोषित करने, पंचायत लाईब्रेरी में बंगला पुस्तक देने, बंगला भाषी बहुल इलाकों के उत्क्रमित होने वाले उच्च विद्यालयों में बंगला भाषा शिक्षक का पद स्वीकृत करने, रांची के टैगोर हि‍ल, कर्माटांड़ के नन्दन कानन, गिरि‍डीह के प्रख्यात वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बोस का वासभवन को हैरि‍टेज घोषित कर विकास योजना बनाने की मांगों पर चर्चा हुई।

अध्यक्ष को जानकारी दी गई कि कुमड़ाबाद मयूराक्षी नदी पर बनाए गये पुल का नाम आसपास के ग्रामीणों ने सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर महान शिक्षाविद ईश्वरचन्द्र विद्यासागर के नाम पर विद्यासागर सेतु रखा है। इसे जोनल सेमि‍नार में ध्वनि मत से पारित किया गया है। उक्त नाम का अनुमोदन दिया जाय। गांव के बाहर बाईपास रोड बनाया जाय।

अध्यक्ष ने कहा कि बंगला भाषा, साहित्य और संस्कृति उत्कृष्टतम है। झारखंड में एक से एक महान शख्सियत इस समुदाय में जन्मे हैं, जो हमारे लिए गर्व है। वह संबंधित विभागों को सभी मांगों के संबंध में निर्देशित करेंगे। सहानुभूतिपूर्ण विचार विमर्श के बाद समिति की मांगों को यथासंभव उचित और न्यायोचित निर्णय लेने में सहयोग करेंगे।

शिष्टमंडल में दयामय माजी, मनोज नाग, स्वरुप सेनगुप्ता, नीरज नाग, माणिक लौह, खगेन्द्रनाथ मंडल, ब्रजमोहन मंडल, उत्तम मंडल, उत्पल दास, रोबिन कुमार मंडल, सुरजीत भट्टाचार्य, बादशा मुखर्जी, दिलीप कुमार दे, प्राण गोपाल महतो शामिल थे।

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