नई दिल्ली। बड़ी खबर यह आई है कि, महिला आरक्षण बिल, जिसका नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम रखा गया था, उसको राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है। संसद के विशेष सत्र के दौरान यह विधेयक 20 सितंबर को लोकसभा और 21 सितंबर को राज्यसभा में पास हुआ था।
यहां बता दें कि, किसी भी बिल के संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद उसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाता है फिर वहां से हरी झंडी मिलने के बाद ही वह बिल कानून का रूप लेता है। जैसे ही यह कानून लागू किया जाएगा, उसके बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पार्लियामेंट से पास होने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा था कि यह लैंगिक न्याय के लिए हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी कदम साबित होगा।
यहां बता दें कि दोनों सदनों में इस बिल पर व्यापक चर्चा हुई। चर्चा के बाद वोटिंग के समय ज्यादातर दलों ने इस बिल के समर्थन में वोट किया। लोकसभा में 20 सितंबर को हुई वोटिंग में इस बिल के पक्ष में 454 मत और विरोध में केवल दो मत पड़े। जबकि 21 सितंबर को राज्यसभा में जब इस बिल को पेश किया गया, तो इसके पक्ष में 214 वोट पड़े और विरोध में एक भी मत नहीं पड़ा।