वनवासी कल्याण केंद्र बोकारो ने चंदनकियारी में मनाया रक्षाबंधन उत्सव, एकल विद्यालयों के भैया-बहनों ने लिया हिस्सा

झारखंड
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बोकारो। वनवासी कल्याण केंद्र बोकारो द्वारा चंदनकियारी प्रखंड अंतर्गत झालवरदा पंचायत के जनजाति गांव मोदीडीह में रक्षाबंधन उत्सव मनाया गया। इसमें चंदनक्यारी प्रखंड के अंतर्गत वनवासी कल्याण केंद्र द्वारा संचालित एकल विद्यालयों के भैया-बहनों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में बोकारो जिला समिति, बोकारो महानगर समिति, महिला समिति एवं जैनामोड़ नगर समिति के अधिकारी, कार्यकर्ता उपस्थित हुए।

शुरुआत में अतिथियों के द्वारा देवी सरस्वती, मां भारती, भगवान बिरसा मुंडा, कल्याण आश्रम के संस्थापक वनयोगी बाला साहब देशपांडे जी, श्रद्धेय जगदेव राम उरांव जी की चित्रों के समक्ष संयुक्त रूप से दीप जलाकर और पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का विधिवत्त शुभारंभ किया गया।

वनवासी कल्याण केंद्र के बोकारो जिला सचिव दयाल कुमार ईश्वर ने अपने उद्बोधन में हिंदू सनातन संस्कृति में युग युगान्तर से चला आ रहा रक्षाबंधन उत्सव की परम्परा को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि किस तरह पौराणिक काल में इंद्र को उनकी पत्नी इंद्राणी ने रक्षाबंधन किया, जिसके कारण देवराज इंद्र ने असुरराज को पराजित कर इंद्रलोक को पुनः हासिल किया।

किस तरह त्रेता युग में मां लक्ष्मी द्वारा महाबली को अपना भाई मानकर राखी बांधने के कारण भगवान विष्णु को महाबली की दासता से मुक्ति मिली थी। किस तरह द्वापर युग में द्रोपदी ने भगवान कृष्ण को अपना भाई मानकर रक्षाबंधन किया, जिसके कारण द्रोपदी के चीरहरण के समय कृष्ण ने अपनी बहन के सम्मान की रक्षा की थी। आज भी, समाज में बहनों के सम्मान की रक्षा करने की जिम्मेदारी भाईयों पर है। रक्षाबंधन इसी संकल्प का द्योतक है।

जिला कोषाध्यक्ष उदय भानु मणि तिवारी ने कहा कि वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा संचालित शिशुमंदिर, विद्यामंदिर और एकल विद्यालयों में हिंदू सनातन संस्कृति के अनुरूप सभी छात्र-छात्राएं आपस में भैया-बहनों के रिश्ते को निष्ठापूर्वक पालन करते हैं और इस दृष्टि से रक्षाबंधन हमारे लिए विशेष महत्व रखता है।

महिला समिति सदस्य डॉ. शारदा रानी ने रक्षाबंधन के महत्व पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए कहा आज केवल भाई बहनों के बीच रक्षाबंधन का संकल्प लेना पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि हमें अपना धर्म, संस्कृति एवं सामाजिक रीति रिवाज, पर्यावरण, सनातन हिन्दू परंपरा और राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति सार्थक पहल करने का संकल्प हमें लेना चाहिये।

जैनामोड़ नगर सचिव महेश सिंह ने कहा कि देश की सीमा पर हमारे वीर जवान देश की सुरक्षा में लगे हुए हैं, परंतु हमें भी अपने देशहित, समाजहित, पर्यावरण की सुरक्षा, जल संरक्षण आदि कार्यों के प्रति अपना योगदान सुनिश्चित करना होगा, तभी हमारे समाज और राष्ट्र का विकास संभव होगा।

कार्यक्रम की शुरुआत में मोदीडीह एकल विद्यालय की बहनों ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर अतिथियों को भाव विभोर कर दिया। इसी तरह घोड़ागड़ा एकल विद्यालय की बहनों द्वारा गाये गए रक्षा बंधन के गीत की काफी सराहना हुई।

आगत अतिथियों का परिचय, स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन बोकारो जिला संगठन मंत्री आलोक माजी द्वारा किया गया, जबकि मंच संचालन का काम धनबाद विभाग संगठन मंत्री मदन महतो ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में चंदनकियारी प्रखंड महिला प्रमुख भानु रजवार, महिला मंडल प्रमुख अन्नपूर्णा पांडे एवं रीता रजक, मयूरडूबी एकल विद्यालय के आचार्य नीलकंठ गोस्वामी, घोड़ागड़ा एकल विद्यालय के आचार्य हराधन रजवार, मोदीडीह एकल विद्यालय के आचार्य कांहू उरांव, उदयपुर एकल विद्यालय के आचार्य गोपाल महतो, लखीपुर एकल विद्यालय के आचार्य अंतरा मांझी का योगदान सराहनीय रहा।

इस अवसर पर मोदीडीह ग्राम समिति के सदस्य सह अभिभावक राधे उरांव, गोष्ठो उरांव, संतोष उरांव, विश्वनाथ उरांव, जनार्दन उरांव, सुधीर उरांव आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। अंत में, शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा हुई और सभी अतिथियों, कार्यकर्ताओं, बच्चों, अभिभावकों, उपस्थित ग्रामीणों को खिचड़ी खिलाई गई।

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