ऐतिहासिक इमारत को तोड़कर बंगला बनवाना इस IAS अधिकारी को पड़ा भारी, मिली ये सजा

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने एक 15वीं सदी के स्मारक को गिरवाकर सरकारी आवास बनवाने के मामले में 2007 बैच के आईएएस अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की है। एजीएमयूटी कैडर के आईएएस अदिकारी उदित प्रकाश को गृह मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

इसके अलावा उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है। आईएएस अधिकारी  के खिलाफ जारी किए गए आदेश में यह भी कहा गया है कि इस अवधि में उनका मुख्यालय मिजोरम होगा और वह मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। 

पिछले साल उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने भी दो मामलों में कार्यकारी अभियंता को अनुचित लाभ पहुंचाने के मामले में कार्रवाई के लिए सिफारिश की थी। यहां बता दें कि विजिलेंस डिपार्टमेंट ने उनके खिलाफ पठान पीरियड के महल को गिराने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

यह इमारत 1418 की थी। लेकिन दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ के तौर पर वह यहां सरकारी आवास बनवाकर रहने की योजना में थे। राय पहले दिल्ली कृषि विपणन बोर्ड के उपाध्यक्ष हुआ करते थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने अभियंता पीएस मीणा को आय से अधिक संपत्ति के मामले में बरी कर दिया था। बताया जाता है कि राय ने जिस महल को तोड़वाया वह सैयद वंश के खिज्र खान की आरे से स्थापित खिजराबाद शहर का एक मात्र बचा हुआ निशान था। यह लाजपत नगर के पास जल विहार में था।  आईएएस अधिकारी के खिलाफ आईपी स्टेट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि भारत के राष्ट्रपति अखिल भारतीय सेवा नियम 1969 के नियम 3  के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उदय प्रकाश को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।