Jharkhand : विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्‍याण कार्यक्रम का बुरा हाल, निदेशक ने डीसी को लिखा पत्र, कही ये बात

शिक्षा झारखंड
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रांची (Jharkhand)। झारखंड के सरकारी स्‍कूलों में विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्‍याण कार्यक्रम का बुरा हाल है। इसका खुलासा झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक किरण कुमारी पासी के 25 अगस्‍त, 2023 के पत्र से हुआ है। उन्‍होंने सभी उपायुक्‍त और उप विकास आयुक्‍त को कार्यक्रम की समीक्षा करने को कहा है।

निदेशक ने पत्र में लिखा है कि आयुष्मान भारत पहल के तहत विद्यालयों जहां वर्ग 6 और उससे ऊपर की कक्षाओं की पढ़ाई होती है, में विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्‍याण कार्यक्रम संचालित है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय से दो-दो शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है, जिन्हें विद्यालय आरोग्य दूत के रूप में जाना जाता है।

भारत सरकार द्वारा इस कार्यक्रम के तहत 11 थीम और झारखंड सरकार द्वारा 5 थीम कुल 16 थीम पर विद्यालय आरोग्य दूतों को प्रतिक्षित किया गया है। इन शिक्षकों द्वारा थीम पर आधारित Classroom Transaction किया जाना है, ताकि बच्चों में स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता पैदा हो सके।

कार्यक्रम के अनुश्रवण के लिए राज्य स्तर पर State Level co-ordination committee गठित है। इसके अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग हैं। उसी के अनुरूप जिला स्तर पर District Level co-ordination committee है, जिसके अध्यक्ष संबंधित जिला के उपायुक्त होते हैं। प्रखंड स्तर पर भी प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में Block Level co-ordination committee गठित है।

क्षेत्र भ्रमण के क्रम में ऐसी जानकारी प्राप्त हो रही है कि अनुश्रवण के अभाव में कार्यक्रम का संचालन सभी विद्यालयों में सही तरीकों से नहीं हो पा रहा है। इसके कारण कार्यक्रम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

निदेशक ने कहा है कि माह में कम से कम एक बार शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मियों के साथ नियमित रूप से बैठक आयोजित की जाय। विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम की गहन समीक्षा की जाय। संबंधित प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी को भी कार्यक्रम की समीक्षा के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश किया जाय।

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