झारखंड के एक बॉक्साइट ब्लॉक में गवेषण पूरा किया सीएमपीडीआई ने

झारखंड
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  • स्वतंत्रता-दिवस पर बोले सीएमपीडीआई के सीएमडी

रांची। देश में कोयला उद्योग की ऊर्जा क्षेत्र में और कोल इंडिया की कोयला क्षेत्र में प्रमुख दावेदारी है। कोल इंडिया ने वर्ष 2022-23 में 700 मिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य की तुलना में 703 मिलियन टन उत्पादन की है। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 81 मिलियन टन की वाल्यूम वृद्धि कंपनी की स्थापना के बाद से सर्वोच्च स्तर है। वर्ष 2023-24 में कोयला उत्पादन लक्ष्य 780 मिलयन टन है, जिसको हासिल करने के लिए सभी सहायक कम्पनियां प्रयासरत है। उक्त बातें सीएमपीडीआई के सीएमडी मनोज कुमार ने कहीं। वे 15 अगस्त को रांची मुख्यालय में ध्वजारोहण करने के बाद बोल रहे थे।

सीएमडी ने कहा कि चालू वर्ष 2023-24 में 7.50 लाख मीटर ड्रिलिंग का लक्ष्य रखा गया है। इसके मुकाबले जुलाई, 2023 तक 2.48 लाख मीटर ड्रिलिंग की गयी है। अन्य खनिजों के गवेषण में भी सीएमपीडीआई ने एक लंबी छलांग लगाई है। वर्तमान में सीएमपीडीआई नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एनएमईटी) निधि से दो बॉक्साइट ब्लॉक और एक बेस मेटल ब्लॉक में गवेषण कर रहा है। झारखंड के एक बॉक्साइट ब्लॉक में गवेषण पूरा किया गया है, जिससे 1.66 मिलियन टन अल्युमिनियम लेटेराइट और 3.2 मिलियन टन बॉक्साइट देश के खनिज संसाधनों में ‘इनफर्ड’ कैटेगरी में शामिल की गयी है।

कुमार ने कहा कि पीएम गतिशक्ति प्रोजेक्ट के तहत देश में बुनियादी आधारभूत प्रोजेक्ट्स को एक्सपेडाइट करने के लिए पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान पोर्टल एक महत्वाकांक्षी योजना है। कोयला मंत्रालय ने सीएमपीडीआई को इस पोर्टल में कोयले से संबंधित विभिन्न प्रकार की लेयर्स डालने की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके लिए पीएम गतिशक्ति सेल बनाया गया है जो पूर्व-संभाव्यता रिपोर्ट,  संभाव्यता रिपोर्ट, जीआर, पीआर आदि के एरिया को पोर्टल पर विश्लेषण करके विश्लेषित रिपोर्ट दे रहा है।

कुमार ने कहा कि पीएमसी सेवाएं के अंतर्गत सीसीएल, एसईसीएल और एमसीएल के प्रोजेक्ट्र्स के लिए सर्वे, जियो-तकनीक परीक्षण और विस्तृत पीआर तैयार करने के लिए पीएमसी और एसक्यूसी सेवाएं प्रदान की जा रही है। सीएमपीडीआई को पीएमसी के तहत 118 मेगावाट सोलर इनर्जी के लिए कार्यादेश प्राप्त हुआ है जबकि कोयला क्षेत्र में आरएंडडी में सीएमपीडीआई 5 चिन्ह्ति समस्या विवरण के लिए ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अंतर्गत कोयला और लिग्नाइट क्षेत्र में स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने के लिए ‘आरएंडडी पर हैकॉथान’ का आयोजन कर रहा है।

कोयला मंत्रालय ने सीआईएल के लिए 5जी कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी यूज केस लैब्स की स्थापना के उद्देश्य से सीएमपीडीआई को ‘सेंटर ऑफ एक्सलेंस’ के रूप में नामित किया है। यह लैब कोयला खदानों के लिए 5जी एप्लीकेशंस और यूज केसेस को डिजाइन, विकसित और प्रोटोटाइप करने का अवसर प्रदान करेगा। इसके अलावा, सीआईएल के लिए नया कोल ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म एनआईसी के सहयोग से विकसित किया गया। कुछ पायलट नीलामियां सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं।

इस अवसर पर संस्थान के निदेशक (तकनीकी/ईएस) शंकर नागाचारी, निदेशक (तकनीकी/पीएंडडी) अजय कुमार, मुख्य सतर्कता अधिकारी सुमीत कुमार सिन्हा,  वरीय सलाहकार एके राणा समेत मुख्यालय, क्षेत्रीय संस्थान-3 के क्षेत्रीय निदेशक,  महाप्रबंधक व विभागाध्यक्ष, जेसीसी सदस्य/श्रमिक प्रतिनिधि, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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