
- प्रमोशन के बिना कई शिक्षक रिटायर हो गए।
रांची। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने कहा कि वर्षों से शिक्षक प्रमोशन से वंचित हैं। इससे उनमें आक्रोश व्याप्त है। ये कभी भी फूट सकता है। इसका परिणाम शैक्षणिक व्यवस्था के प्रतिकूल हो सकता है।
संघ के महासचिव राममूर्ति ठाकुर और मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि शिक्षा विभाग के आदेश का पालन जिला स्तर पर नहीं हो रहा है। इससे शिक्षकों में मायूसी है। उनका आक्रोश दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इसकी वजह बीते 7 माह से प्रोन्नति पर सहमति के मामले में फैसला नहीं लिया जाना है।
संघ के पदधारियों ने कहा कि विभिन्न स्तर पर शिक्षकों की प्रमोशन लंबित है। प्रोन्नति देने की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश शिक्षा विभाग द्वारा लगातार डीएसई और डीईओ को दिया जा रहा है, लेकिन आदेश की अनदेखी की जा रही है। जनवरी की शुरुआत से राज्य स्तर से जिलों को बार-बार प्रोन्नति का कार्य निष्पादित करने का आदेश दिया जा रहा है। कई बार मौखिक निर्देश दिया गया है, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।
संघ को विभाग की ओर से मार्च महीने तक ही प्रोन्नति का निष्पादन करा देने का आश्वासन दिया गया था। यह आज तक पूरा नहीं हो पाया। प्रोन्नति नहीं होने से शिक्षकों में निराशा है। कई बार इसका प्रतिकूल प्रभाव भी देखने को मिलता है। प्रोन्नति की आस लिए कई शिक्षक रिटायर भी हो चुके हैं।
संघ का कहना है कि शिक्षक अपने कर्तव्य का निर्वहन ईमानदारी से कर रहे हैं। विभाग के हर आदेश का पालन कर रहे हैं। इसके बाद भी उनकी प्रोन्नति के प्रति डीएसई व डीईओ उदासीन बने हुए हैं। उनके रवैया से दिन-ब-दिन शिक्षकों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
संघ के महासचिव राममूर्ति ठाकुर और मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने शिक्षा सचिव का ध्यान आकृष्ट कराया और जिलों की स्थिति से अवगत कराया। साथ ही, प्रोन्नति के लेकर इसके लिए माह और तिथि वार अंतिम समय सीमा निर्धारित करने की मांग की है।
शिक्षकों की प्रोन्नति नहीं होने पर आक्रोश व्यक्त करने वाले में उतिल यादव, बिजेंद्र चौबे, सुनील कुमार, अनूप केसरी, संतोष कुमार, बाल्मीकि कुमार, हरेकृष्ण चौधरी, राकेश कुमार, अजय ज्ञानी, राजेश गुप्ता, अनिल कुमार, प्रभात कुमार, अजय सिंह, सलीम सहाय, कृष्णा शर्मा, दिलीप श्रीवास्तव, अमरेश सिंह, रामचंद्र खेरावर भी शामिल हैं।
संघ ने यह भी कहा कि प्रदेश के लगभग सात हजार शिक्षक अंतर जिला स्थानांतरण की आस में है। इस ओर भी स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव का ध्यान आकृष्ट कराया गया है। जुलाई माह आ गया, परंतु शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण नहीं हो पाया। इसे लेकर प्रदेश के शिक्षकों में उबाल है। यह कभी भी विस्फोट हो सकता है।