- मुख्यमंत्री ने झारखंड राज्य ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की बैठक में दिए कई अहम निर्देश
- किसानों और मजदूरों समेत सभी वर्ग के जीवन में सकारात्मक बदलाव के लिए कर रहे काम
रांची। राज्य सरकार का ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर विशेष जोर है। इस लिहाज से मनरेगा से जुड़ी योजनाएं झारखंड के लिए काफी मायने रखती है। इन योजनाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इसकी मजबूत निगरानी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 6 जुलाई को झारखंड राज्य ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये बातें कही। उन्होंने उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में झारखंड राज्य ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना परिषद की बैठक हर तीन माह में आयोजित करने का निर्देश अधिकारियों को दिया, ताकि तमाम योजनाओं की नियमित और विस्तार से समीक्षा हो सके। उन्होंने मनरेगा के तहत जिला कार्यक्रम समन्वयक की जिम्मेदारी जिलों के उपायुक्तों को देने के प्रस्ताव पर सहमति दे दी।
अकाउंटेबिलिटी तय होनी चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए लाभुकों की भी अकाउंटेबिलिटी तय होनी चाहिए। इससे योजनाओं को तय समय सीमा में पूरा करने में भी मदद मिलेगी। लाभुकों को बिचौलियों से निजात मिलेगी।
योजनाओं की जानकारी ग्रामीणों को दे
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत राज्य सरकार द्वारा भी कई योजनाएं चलाई जा रही है। ऐसे में श्रमिकों के कार्य की कोई कमी नहीं है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आप इन योजनाओं की ग्रामीणों को जानकारी दें। उन्हें इन योजनाओं से जोड़ने की दिशा में पहल करें। इससे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी और गांव का भी तेजी विकास होगा।
सामाजिक सुरक्षा का प्रचार-प्रसार करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत मजदूरी करने वालों के लिए भी सामाजिक सुरक्षा के तहत सहायता अनुदान का प्रावधान है। ऐसे में इसकी जानकारी ग्रामीणों को हो, इसलिए सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं का बड़े स्तर पर प्रचार प्रसार सुनिश्चित करें।
जियो मैपिंग कराने की योजना बनाएं
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि राज्य विशेषकर पहाड़ी इलाकों में अनेकों चुआं और छोटे-छोटे झरने हैं। इन सभी का जियो मैपिंग कराने की परियोजना बनाएं, ताकि इसकी पानी की क्षमता को बढ़ाकर समुचित इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने संवर्धन योजना के तहत बनने वाले कुओं का भी जियो मैपिंग कराने को कहा।
जिला कार्यक्रम समन्वय की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने डीआरडीए का पंचायती राज विभाग में विलय के आलोक में मनरेगा के अंतर्गत जिला कार्यक्रम समन्वयक की जिम्मेदारी जिलों के उपायुक्तों को देने के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी।
सामाजिक अंकेक्षण को क्रियाशील करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत पंचायतों में चल रही योजनाओं का सोशल ऑडिट रेगुलर होना चाहिए। इससे योजनाओं में गड़बड़ी और लापरवाही पर अंकुश लगेगा। वहीं, दोषियों पर भी कार्रवाई हो सकेगी।
खेल मैदानों के चारों ओर पौधे लगाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तहत जो खेल मैदान विकसित किए जा रहे हैं, उसके चारों और वृक्षारोपण कराएं। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा योग्य लाभुकों को वन पट्टा मिल सके। इसके लिए मिशन मोड में कार्य करने का निर्देश अधिकारियों को दिया। उन्होंने बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा फलदार पेड़ लगाने की मुहिम को तेज करने को भी कहा। इसके तहत गांव में खाली जमीनों पर फलदार पेड़ लगाएं, ताकि लाभुकों के आय में इजाफा के साथ पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिले।
मुखिया और जनप्रतिनिधियों से की बात
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर विभिन्न जिलों से आए मुखिया, जिला परिषद सदस्य और अन्य जनप्रतिनिधियों से बात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को मनरेगा से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन -संचालन में आ रही समस्याओं से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में अधिकारियों को यथोचित कदम उठाने का निर्देश दिया।
मंत्री सहित ये अधिकारी बैठक में मौजूद
बैठक में झारखंड राज्य ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद के उपाध्यक्ष एवं ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम और सदस्य के तौर पर कृषि मंत्री बादल, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्रीमती वंदना दादेल, अपर मुख्य सचिव एल ख़ियांगते, प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव अबु बकर सिद्दीख पी, सचिव डॉ मनीष रंजन, सचिव प्रशांत कुमार, सचिव चंद्रशेखर, मनरेगा आयुक्त श्रीमती राजेश्वरी बी, सभी पांच प्रमंडलों के आयुक्त, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि, चतरा, लातेहार, सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम और पाकुड़ के उप विकास आयुक्त और विशेषज्ञ के रूप में प्रो रमेश शरण एवं जॉनसन टोपनो मौजूद थे।
मनरेगा से जुड़े अहम तथ्य
● चालू वित्तीय वर्ष (2023 -24) में 900 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य है। जून माह के अंत तक 360.32 मानव दिवस सृजित हो चुका है।
● वित्तीय वर्ष 2023-24 में जून तक सक्रिय जॉब कार्डो की संख्या 34.28 लाख और सक्रिय मजदूरों की संख्या 42.93 लाख है।
● मनरेगा में ससमय मजदूरी भुगतान की उपलब्धि लगभग शत प्रतिशत है।
● वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक सृजित परिसंपत्तियों (पूर्ण योजनाएं) 275565 है।
● नीलाम्बर- पीताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत 403817 योजनाएं ली गयी हैँ, जिनमें 333123 पूर्ण कर ली गई हैं।
● बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 105419 एकड़ में फलदार वृक्ष लगाएं जा रहे हैं।
● वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तहत ली गयी 4776 योजनाओं में 3537 पूर्ण हो चुकी है।
● दीदी बाड़ी योजना के तहत ली गयी 298690 योजनाओं में 162372 पूर्ण हो चुकी है।
● दीदी बगिया योजना के तहत 394 योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है।
● बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन योजना के तहत 23,958 कूपों का निर्माण कार्य जारी है।
● वर्तमान में 16 जिलों में लोकपाल कार्य कर रहे हैं और 5 जिलों में लोकपाल की नियुक्ति प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
● मनरेगा की सोशल ऑडिट में वित्तीय अनियमितता, वित्तीय विचलन, प्रक्रिया उल्लंघन और शिकायत के 12,34,956 मामले सामने आएं हैं, जिसमें 87,092 मामलों में एटीआर अपलोड हो चुका है। 63,819 मामले निष्पादित हो चुके हैं।
● मनरेगा श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा का भी प्रावधान है। इसके अंतर्गत दुर्घटना में मौत अथवा विकलांग होने पर दो लाख रुपये और सामान्य मौत पर एक लाख, मनरेगा के अंतर्गत निर्मित डोभा में डूबकर मौत पर एक लाख रुपये उसके आश्रित को अनुदान के रूप में दिया जाता है।
● एरिया ऑफिसर एप्प के माध्यम से मनरेगा की योजनाएं के निरीक्षण में झारखंड देश में पहले स्थान पर है।