शिक्षकों की भूतलक्षी प्रोन्नति पर झारखंड हाई कोर्ट ने लगाई मुहर

झारखंड
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  • प्रधानाध्यापक की प्रोन्नति पर लगी रोक हटाया
  • प्रगतिशील शिक्षक संघ की याचिका की खारिज

रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने शिक्षकों की भूतलक्षी प्रोन्नति पर मुहर लगा दी है। प्रधानाध्यापक की प्रोन्नति पर लगी रोक हटा दी। हाई कोर्ट ने 26 जुलाई को प्रदेश के प्रारंभिक शिक्षकों की प्रोन्नति मामले में दायर याचिका खारिज कर दी। प्रगतिशील शिक्षक संघ ने हाई कोर्ट में याचिका दायर दायर की थी। शिक्षकों की भूतलक्षी प्रोन्नति को अमान्य करने की मांग की गई थी।

याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने यथास्थिति लगाते हुए प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति पर रोक लगा दी थी। इस कारण 2022 से शिक्षकों की प्रोन्नति नहीं हो पा रही थी। इससे बाद में अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक ने एलपीए दायर कर स्टे हटाने की मांग की।

एलपीए की सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच को एक महीने के अंदर मामले को निष्पादित करने की बात कही। फिर अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा प्रगतिशील शिक्षक संघ की दायर याचिका में इंटरवेनर पीटिशन दायर कर न्यायालय के समक्ष दलीलें रखीं।

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने बताया कि न्यायाधीश एसएनपाठक ने आज फैसला सुनाते हुए 2019 में निर्गत शिक्षको को भूतलक्षी प्रोन्नति देने के विभागीय आदेश को सही ठहराते हुए याचिका खारिज कर दी। निर्देश दिया की ग्रेड 4 से 7 तक के सभी पदों पर अहर्ताधारी शिक्षको को शीघ्र प्रोन्नति विभाग दे।

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के दिल यादव, उत्तील यादव, धीरज कुमार, सुनील कुमार, बिजेंद्र चौबे, अनूप केसरी, राममूर्ति ठाकुर, प्रवक्ता नसीम अहमद,  संतोष कुमार, बाल्मीकि कुमार, संजय कुमार साहू, आनंद लाल, कृष्ण शर्मा, राकेश कुमार, अजय ज्ञानी, अजय सिंह, प्रभात कुमार, सलीम सहाय तिग्गा आदि ने न्यायालय के फैसले पर प्रसन्नता जाहिर की।

भूतलक्षी प्रोन्नति को बहाल रखने और प्रोन्नति पर लगी रोक को हटाने के पक्ष में अधिवक्ता अजीत कुमार, अमित तिवारी और मनोज टंडन ने दलीलें पेश की थी।