नई दिल्ली। इन दिनों बड़ी संख्या में लोग अपना बिजनेस शुरू कर रहे हैं और उसके जरिए बढ़िया कमाई भी कर रहे हैं। लगभग हर एक सेक्टर्स में नए-नए लोगों की एंट्री हो रही और वो अपने बिजनेस मॉडल को सफल बनाकर तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं।
अगर आप भी इन दिनों बिजनेस के मैदान में उतरने का प्लान बना रहे हैं पर ये तय नहीं कर पा रहे हैं कि किस चीज का बिजनेस किया जाए, तो हम आपको बता रहे हैं। आप मेडिकल स्टोर (Medical Store Business) खोलकर तगड़ी कमाई कर सकते हैं।
केंद्र सरकार जेनरिक दवाइयां (Generic Medicine) मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र (PM Jan Aushadhi Kendra) खोलने का मौका दे रही है। इसके लिए सरकार मदद भी कर रही है। सरकार जन औषधि केंद्र की संख्या बढ़ा रही है।
मार्च 2024 तक देशभर में जन औषधि केंद्र की संख्या को बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा गया है। आम लोगों पर से महंगी दवाइयों के खर्च के बोझ को कम करने के लिए सरकार जन औषधि केंद्र खोल रही है। जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार ने तीन कैटेगरी बनाई है।
पहली कैटेगरी में कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, कोई डॉक्टर या रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर जन औषधि केंद्र खोल सकता है। दूसरी कैटेगरी में ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट हॉस्पिटल आदि आते हैं। तीसरी कैटेगरी में राज्य सरकारों की तरफ से नॉमिनेट की गई एजेंसियों को जन औषधि केंद्र खोलने का मौका मिलता है।
अगर आप जन औषधि केंद्र खोलना चाहते हैं, तो आपके पास बी-फॉर्मा या डी-फॉर्मा की डिग्री होनी चाहिए। जन औषधि केंद्र खोलने के लिए अप्लाई करने के दौरान डिग्री को प्रूफ के तौर पर सबमिट करना पड़ता है।
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र योजना के तहत एसी-एसटी और दिव्यांग आवदेकों को 50,000 रुपये तक की दवा एडवांस में दी जाती है। दुकान प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के नाम से खुलती है। जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सबसे पहले ‘रिटेल ड्रग सेल्स’ का लाइसेंस लेना पड़ता है। आप आधिकारिक वेबसाइट से इसका फॉर्म ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं।
जन औषधि केंद्र में दवाइयों की बिक्री पर 20 फीसदी तक का कमीशन मिलता है। इसके अलावा हर महीने होने वाली बिक्री पर 15 फीसदी का इंसेंटिव भी दिया जाता है। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र योजना के तहत दुकान खोलने के लिए फर्नीचर और अन्य चीजों के लिए सरकार की तरफ से डेढ़ लाख रुपये तक की मदद मिलती है। बिलिंग के लिए कंप्यूटर और प्रिंटर जैसी चीजों को खरीदने के लिए भी सरकार वित्तीय मदद करती है।