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शिक्षकों के लिए जी का जंजाल बना ई विद्यावाहिनी पोर्टल, संघ ने गिनाई त्रुटियां

शिक्षा झारखंड
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  • कहा-ऑनलाइन हाजरी में दिख रही उपस्थिति, प्रिंट में ब्लैंक

रांची। शिक्षकों के लिए ई विद्यावाहिनी पोर्टल जी का जंजाल बन गया है। इसमें कई तरह की खामियां है। प्रदेश के प्राथमिक और मध्य विद्यालय के शिक्षकों के लिए पोर्टल पर हाजिरी बनाना कठिन हो गया है। ऑनलाइन हाजरी नहीं बनने से शिक्षक परेशान हैं। ई विद्यावाहिनी के नए अपडेट वर्जन 2.2.6 विभाग की ओर से उपलब्ध कराए गए हैं। हालांकि यह टैब में सपोर्ट नहीं कर रहा है। इस कारण से टैब में एप्‍प ओपन नहीं हो रहा है। जानकारी देने के बाद भी शिक्षा विभाग मौन धारण किए हुए है।

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि बायोमेट्रिक उपस्थिति शिक्षकों पर अविश्वास का परिणाम है। हालांकि शिक्षकों ने इसे सहर्ष स्वीकार भी किया है। शिक्षकों को राहत नहीं पहुंचे, इसलिए उपस्थिति में मैनुअल के विकल्प को समाप्त कर दिया गया। जियो फेंसिंग का दायरा कम कर दिया गया। आज तक त्रुटियों को सुधार नहीं सका है।

अभी स्थिति‍ यह है कि त्रुटियों के कारण सुबह शिक्षक विद्यालय आकर अपना काम शुरू करने के बजाय घंटों उपस्थिति दर्ज करने में उलझे रहते हैं, जो छात्र हित के प्रतिकूल है। अधिकतर विद्यालय में टैब की स्थिति खराब है। इसलिए बार बार स्कैनर को सभी बारी-बारी से अपने मोबाइल में लगाकर उपस्थिति दर्ज करने का प्रयास करते हैं। इस कारण सभी का मोबाइल चार्जिंग पॉइंट भी क्षतिग्रस्त हो रहा है।

संघ ने कहा कि जब तक सभी त्रुटियों को सुधार नहीं हो जाता और मशीन उपलब्ध नहीं करा दी जाती, तब तक पंजी में दर्ज उपस्थिति को प्रधान शिक्षक द्वारा प्रमाणित कराते हुए शिक्षकों पर विश्वास किया जाय।

शिक्षक ही गुणवत्‍ता शिक्षा की धुरी हैं। उन्हें उपस्थिति के नाम पर प्रताड़ित करते हुए गुणवत शिक्षा सुनिश्चित करना कतई संभव नहीं है। शिक्षकों को प्रशासनिक दबाव के बजाय सम्मान देते हुए ही शिक्षा को बुलंदियों तक पहुंचाया जा सकता है।

संघ के अनुसार ये हैं त्रुटियां

1. स्कैनर में अब दो बार रेड सिग्नल आ रहा है। हर बार उपस्थिति बनाने के लिए शिक्षक अपनी उंगली उसपर रख रहे हैं।

2. लोकेशन ट्रेस करने के लिए काफी लंबा समय मशीन ले रही है। इस कारण देरी हो रही है।

3. कई बार और कुछ शिक्षकों का हमेशा ही लोकेशन 5 किमी से अधिक दायरे में दिखाते हुए उसे अनुपस्थित दिखा रहा है।

4. बार-बार के प्रयास से उपस्थिति दर्ज भी हो जाये तो यह सिंक नहीं हो रहा। सिंक करने पर अनेबल या टोकन जेनेरेट कर रहा है। बार-बार यही हो रहा है। यहां तक कि दूसरे या तीसरे दिन तक प्रयास करते-करते यह कई बार सफल हो रहा।

5. कई शिक्षकों के अथक प्रयास से उपस्थिति दर्ज होने और सिंक होने के बावजूद प्रिंट आउट में यह दर्ज हुआ नहीं निकल रहा।

ऑनलाइन उपस्थिति बनाने में ये समस्याएं

1. विद्यालय परिसर को भी एप्प द्वारा स्कूल से बाहर बताया जाता है।

2. ऑनलाइन उपस्थिति बनाने पर भी ये एप्प ऑफलाइन उपस्थिति दर्ज करता है।

3. एप्प की खामियों की वजह से ऑनलाइन बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज होने पर भी मासिक अनुपस्थिति विवरणी में अनुपस्थित दिखाई देता है।

4. एप्प वास्तविक लोकेशन को ट्रैक नहीं कर पाता है। कार्यालय से बायोमेट्रिक बनाने के वाबजूद 100 मीटर के दायरे से बाहर दिखाता है। इसके कारण शिक्षक अपनी उपस्थिति दर्ज करने से वंचित हो जाते हैं।

5. एप्प द्वारा लोकेशन को ट्रैक करते वक्त कुछ-कुछ अंतराल में स्केनर का लाइट दो बार जलता है।

6. सभी शिक्षक अपने मोबाइल से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करते हैं। मोबाइल में सी टाइप का यूएसबी लगा रहता है, परंतु विभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया बायोमेट्रिक स्केनर की यूएसबी केबल डी टाइप का है।