Delhi: मनीष सिसोदिया, उनकी पत्नी और इन लोगों की 52 करोड़ की संपत्ति जब्त, जानें पूरा मामला

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नई दिल्ली। बड़ी खबर दिल्ली से आयी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, उनकी पत्नी और कुछ अन्य आरोपियों की 52 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की है। दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मामले में उसने यह कदम उठाया। शुक्रवार को एजेंसी ने यह जानकारी दी।

धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत (7.29 करोड़ रुपये मूल्य की) अन्य अचल संपत्तियों को कुर्क करने के लिए एक अस्थायी आदेश जारी किया गया है। इसमें मनीष सिसोदिया और उनकी पत्नी सीमा सिसोदिया की दो संपत्तियां, एक अन्य आरोपी राजेश जोशी (चैरियट प्रोडक्शंस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक) की जमीन/फ्लैट और गौतम मल्होत्रा की जमीन/फ्लैट शामिल हैं।

एजेंसी ने एक बयान में कहा कि कुर्क की गई संपत्ति में मनीष सिसोदिया की बैंक में जमा 11.49 लाख रुपये की राशि समेत ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड (16.45 करोड़ रुपये की राशि) और अन्य सहित 44.29 करोड़ रुपये की चल संपत्ति भी शामिल है।

ईडी ने कहा कि कुर्क की गई संपत्ति का कुल मूल्य 52.24 करोड़ रुपये है। दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री सिसोदिया को इस मामले में ईडी ने मार्च में गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया गया है कि 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कुछ शराब डीलरों का पक्ष लिया गया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी।

दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इस आरोप का खंडन किया है। बाद में नीति रद्द कर दी गई और दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की अब समाप्त की जा चुकी आबकारी नीति को बनाने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े धन शोधन के मामले में बृहस्पतिवार रात को कारोबारी दिनेश अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया था। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी थी।

इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) भी कर रहा है और अरोड़ा को उसके मामले में सरकारी गवाह बनाया गया है। कारोबारी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कथित तौर पर करीबी हैं, जो आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं। यह नीति अब रद्द की जा चुकी है। ईडी की ओर से इस मामले में यह 13वीं गिरफ्तारी थी। इसमें उसने सिसोदिया के खिलाफ आरोप पत्र समेत अब तक पांच आरोप पत्र दायर किए हैं।