पटना। बड़ी खबर राजधानी पटना से आयी है, जहां Bihar विधानमंडल के दोनों सदनों का मानसून सत्र के बाद शुक्रवार को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन की शुरूआत 10 जुलाई से हुई थी, जो काफी हंगामेदार रहा। बिहार विधानमंडल के इस सत्र के दौरान महागठबंधन सरकार की नई शिक्षक भर्ती नीति, भ्रष्टाचार और राज्य में बढ़ती बेरोजगारी समेत कई मुद्दों पर विपक्ष और राज्य सरकार के बीच गतिरोध देखा गया।
इसके अलावा विपक्षी सदस्यों ने गुरुवार को पटना में नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ भाजपा के विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित लाठीचार्ज में भाजपा नेता की मौत पर भी दोनों सदनों में हंगामा किया। बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने अंतिम दिन के भोजनावकाश के बाद सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया।
उन्होंने बताया कि विधानसभा में कुल मिलाकर 823 प्रश्न प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 704 को मंजूरी दे दी गयी। 99 ध्यानाकर्षण सूचनाओं और प्रश्नों के माध्यम से जन कल्याण से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए गए। चौधरी ने कहा कि 10 जुलाई से सदन की कुल पांच बैठकें हुईं।
बिहार विधानपरिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले कहा कि उच्च सदन के 204वें सत्र का आज समापन हो रहा है। इस सत्र में कुल 5 बैठकें आयोजित हुईं। उन्होंने कहा कि इस सत्र के लिए कुल 353 प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 325 प्रश्नों को स्वीकृत किया गया। कुल 33 प्रश्न उत्तरित हुए।
ठाकुर ने कहा कि इस सत्र के लिए ध्यानाकर्षण की कुल 59 सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से सात ध्यानाकर्षण सूचनाएं उत्तरित हुईं। उन्होंने कहा कि इस सत्र में सदन द्वारा दो विधेयक बिहार माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2023 तथा बिहार विनियोग संख्या-3 विधेयक 2023 पारित किए गए।