रांची की लेखिका मेघा रानी को WHRPC ने दी मानद डॉक्टरेट की उपाधि

झारखंड
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रांची। दिल्‍ली स्थित वर्ल्ड ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन कमीशन (WHRPC) ने रांची की लेखिका मेघा रानी को मानद डॉक्टरेट की उपाधि दी। दिल्ली के अंबेडकर भवन में आयोजित समारोह में उन्‍हें इस उपाधि सौंपा गया। अब वह डॉ मेघा रानी के रूप में जानी जाएगी।

पिछले वर्ष भी उन्हें दिल्ली में स्त्री वन इंडिया वीमेन अचीवमेंट अवॉर्ड्स की ओर से स्त्री वन इंडिया एंगेजिंग लिटरेचर अवॉर्ड दिया गया था। यह अवार्ड उनके आर्टिकल्स मातृभाषा हिन्‍दी में लिखने के लिए दिया गया।

विदित हो कि कई सालों से मेघा लेखन कार्य कर रही है। उनके द्वारा लिखित ‘शाश्वत सृजन’ और ‘श्रीकृष्ण लीला’ भी शामिल है। श्रीकृष्ण लीला की वह को-राइटर है। इस किताब के लिए दो रिकॉर्ड दर्ज है। इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड और OMG बुक रिकॉर्ड।

मेघा की लिखी नई पुस्‍तक ‘अस्तित्व एक नारी का’ का जल्द विमोचन किया जाएगा। मेघा कई पब्लिकेशन और मैगजीन के साथ काम कर चुकी है। उनके राइटप्स नेशनल बुक ऑफ रिकार्ड्स में भी दर्ज है, जिनके लिए उन्हें मेडल और प्रशस्ति पत्र मिल चुके हैं।

मेघा के जीवन में एक सड़क दुर्घटना के बाद बदलाव आया। इस दौरान लगातार चिंतन और मंथन के बाद लेखन शैली में प्रगाढ़ता आयी। इनके जीवन में मां पूनम कुमारी, पिता मनोहर कुमार, भाई मोनल, परिवारजन और दोस्तों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्‍होंने कहा कि माता-पिता की प्रेरणा ने मुझे यहां तक पहुंचाया है।

युवा सोशल एक्टिविस्ट अनिल पन्ना ने भी उसकी इस सफलता पर बधाई दी। उन्‍होंने कहा कि यह झारखंड के लिए गर्व की बात है। विकट से विकट परिस्थिति में भी सकारात्मक सोच, लगन और धैर्यता ने मेघा को इस मुकाम तक पहुंचाया है।