रांची। राज्य में बाल श्रम प्रतिषेध कानून का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। पूरे राज्य भर से बाल श्रम में संलिप्त बच्चों को मुक्त कराया जा रहा है। इसके तहत महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती जोबा मांझी के निर्देश पर विभागीय सचिव कृपानंद झा एवं मनरेगा आयुक्त सह निदेशक झारखंड राज्य बाल संरक्षण संस्था श्रीमती राजेश्वरी बी के नेतृत्व में 1 जून, 2023 से बाल श्रमिकों को मुक्त करने हेतु राज्यव्यापी अभियान चलाया जा रहा है।
इस अभियान के अंतर्गत पहले 10 दिनों में ही झारखंड से अब तक 32 बच्चों को मुक्त कराया जा चुका है। इसमें पलामू से 7, दुमका से 5, पश्चिम सिंहभूम से 4, गिरिडीह से 4, हजारीबाग से 4, देवघर से 3, सिमडेगा से 2 और रांची, धनबाद तथा गुमला से 1-1 बच्चों को अब तक मुक्त कराया जा चुका है।
ज्ञातव्य हो कि झारखंड के सभी जिलों में जागरुकता अभियान सहित धावा दल को सक्रिय किया गया है। इसमें श्रम, नियोजन और प्रशिक्षण विभाग सहित झारखंड पुलिस की भूमिका है। बाल श्रम प्रतिषेध कानून को सक्रिय बनाने के लिए मनरेगा आयुक्त द्वारा समय-समय पर अभियान की समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंसिग एवं सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार की जा रही है।