आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा। जिले के प्रज्ञा केंद्र संचालक मनमानी कर रहे हैं। इसका खुलासा अफसरों के क्षेत्र भ्रमण में हुआ। इसके बाद उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। जवाब सहीं मिलने पर उनका आईडी रद्द किया जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक जिले की जीमा, ककरगढ़ एवं टाटी पंचायत को छोड़कर सभी प्रज्ञा केंद्र संचालकों को पंचायत सचिवालय में कमरा आवंटित हुआ है। क्षेत्र भ्रमण के क्रम में अफसरों को जानकारी मिली की संचालक प्रज्ञा केंद्र पंचायत सचिवालय में नहीं चला कर अन्य जगहों पर संचालित कर रहे हैं।
इस संबंध में अंचल कार्यालय द्वारा सभी प्रज्ञा केंद्र संचालकों को स्पष्टीकरण जारी कर यह जवाब मांगा गया है। उनसे पूछा गया है कि जब उन्हें पंचायत सचिवालय में कमरा आवंटित किया गया है। उन्हें आईडी इसी शर्त पर निर्गत किया गया है कि वे पंचायत सचिवालय में बैठकर ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करेंगे। हालांकि उनके द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है, जिससे दूरदराज के ग्रामीणों को काम कराने के लिए प्रखंड मुख्यालय आना पड़ता है।
अंचल के अधिकारियों ने कहा कि यह दुखद स्थिति है कि प्रज्ञा केंद्र संचालक पंचायत भवन में नहीं बैठ रहे हैं। यह किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। ऐसा करने वाले संचालकों से 24 घंटे में जवाब मांगा गया है कि इस कृत्य के लिए क्यों नहीं उनके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हें आवंटित आईडी को रद्द कर दिया जाए।
ज्ञात हो कि सरकार ने सभी पंचायत सचिवालय में प्रज्ञा केंद्र के संचालन की व्यवस्था की है, ताकि वहां के लोगों ने छोटी-छोटी काम के लिए प्रखंड मुख्यालय नहीं आना पड़े l वर्तमान में जाति प्रमाण पत्र, स्थानीय, आय प्रमाण पत्र, जमीन का रसीद कटाना, नामांतरण, परिशोधन एवं अन्य बैंक संबंधी सारी गतिविधियां प्रज्ञा केंद्रों द्वारा संचालित की जा रही है।