रांची। झारखंड (Jharkhand) में शिक्षा को खूब तरजीह देने की बात कही जा रही है। हाल में ही 80 उत्कृष्ट विद्यालय का उद्घाटन सीएम हेमंत सोरेन ने किया था। इसके बाद भी पिछले 53 दिनों से प्राथमिक शिक्षा निदेशक का पद खाली है। इससे कई काम ठप पड़े हैं।
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के झारखंड प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि पिछले 53 दिनों से निदेशक प्राथमिक शिक्षा का पद खाली है। परिणामस्वरूप प्रारंभिक शिक्षकों के कार्य अवरुद्ध हो रहे हैं।
तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक चंद्रशेखर का झारखंड सरकार ने 12 अप्रैल, 2023 को दूसरे विभाग में तबादला कर दिया था। इसके बाद से अब तक किसी स्थायी निदेशक प्राथमिक शिक्षा का पदस्थापन नहीं हुआ है। ना किसी को प्रभार दिया गया है।
इस स्थिति के कारण प्राथमिक और मध्य विद्यालय के शिक्षकों की समस्याओं के साथ अन्य कार्य का निदान नहीं हो पा रहा है। शिक्षकों के कार्य की लंबी लाइन लगी है। संचिकाओं का ससमय निष्पादन नहीं हो पा रहा है। नियमित और रूटीन वर्क भी नही हो पाता है।
शिक्षकों का वेतन आवंटन आदेश, मेडिकल प्रतिपूर्ति भत्ता, सेवा सत्यापन, शिक्षकों की प्रोन्नति, न्यायालयों में लंबित मामले का निपटारा, अंतर जिला स्थानांतरण आदि कार्यों में बाधा उत्पन्न हो गया है।
संघ ने कहा कि ऐसे तो प्राथमिक शिक्षा निदेशक का स्थानांतरण हो के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव संचिकाओं का निष्पादन कर रहे हैं। हालांकि कार्य की अधिकता होने के वजह से ससमय संचिकाओं का निष्पादन सचिव स्तर पर हो पाने में कठिनाई हो रहा है। इस कारण न चाहते हुए भी संचिका के निष्पादन में कई दिन लग जा रहे हैं।
संघ के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने मुख्यमंत्री सहित कार्मिक सचिव से यथाशीघ्र निदेशक प्राथमिक शिक्षा के पद पर स्थायी पदस्थापन करने की मांग की, ताकि प्रारंभिक शिक्षकों की समस्याओं का निदान ससमय हो सके।