विधि व्‍यवस्‍था को लेकर सीएम ने पुलिस अफसरों संग की बैठक, दिए ये निर्देश

झारखंड
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  • उग्रवाद-अपराध, अवैध खनन और मादक पदार्थों की तस्करी पर नियंत्रण करें

रांची। आप राज्य सरकार के अहम अंग हैं। इस राज्य को बेहतर तरीके से चलाने की अहम जिम्मेदारी आप पर है। ऐसे में आपकी सूझबूझ, आपकी कार्यशैली, आपका सूचना तंत्र, आपकी क्रिएटिविटी और आपकी सतर्कता से विधि व्यवस्था का बेहतर संधारण संभव है। उक्‍त बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन कहीं। वे 15 जून को वरीय पुलिस पदाधिकारियों की उपस्थिति में जिलों के उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक के साथ आहूत उच्चस्तरीय बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने उग्रवाद- अपराध, अवैध खनन एवं मादक पदार्थों की तस्करी पर नियंत्रण सहित विधि व्यवस्था संधारण से जुड़े अन्य मामलों की समीक्षा के क्रम में पुलिस पदाधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए।

आकलन करते हुए एक्शन प्लान बनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध के चेहरे हर दिन बदल रहे हैं। नई चुनौतियां आपके सामने आ रही है। इतना ही नहीं भविष्य में भी कई नई चुनौतियां आपके सामने आएगी। ऐसे वर्तमान चुनौतियों से निपटने के साथ भविष्य की चुनौतियों से निपटने की रणनीति अभी से बनाना शुरू कर दें।

उग्रवाद पर नियंत्रण पुलिस की बड़ी कामयाबी

मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी झारखंड देश के सबसे उग्रवाद प्रभावित राज्यों में जाना जाता था। आज स्थिति इसके विपरीत है। राज्य में उग्रवाद का लगभग सफाया हो चुका है। यह हमारी सबसे बड़ी जीत है। यह हमारी बेहतर पुलिसिंग का ही नतीजा है। पुलिस की सराहना करते हुए कहा उग्रवाद से निपटने में झारखंड की पुलिस देश की सबसे बेहतर पुलिस के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है। अब सोसाइटी को भी सुरक्षित रखने में आपको ऐसी ही जिम्मेदारी निभानी होगी।

असामाजिक तत्वों का डेटाबेस तैयार करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कानून और व्यवस्था बेहतर बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने की जरूरत है। इस सिलसिले में असामाजिक तत्वों का डेटाबेस भी तैयार किया जाना चाहिए, ताकि राज्य के किसी भी हिस्से में अगर किसी वजह से तनाव की स्थिति बनती हो तो इसे नियंत्रित करने के लिए असामाजिक तत्वों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हो सके।

बेहतर समन्वय से विधि व्यवस्था सुधरेगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी जिले में डीसी और एसपी के बीच बेहतर समन्वय से ही कानून एवं व्यवस्था तथा अपराध नियंत्रण को मजबूती मिलती है। इसी तरह इनका अपने निकट निकटवर्ती जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के साथ मुख्यालय से भी लगातार समन्वय बना रहे। इसी सिलसिले में आपके साथ नियमित अंतराल पर बैठक होती रहती है।

सुझाव पर सरकार विचार करेगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बैठक में आपने जो सुझाव दिए हैं, उस पर सरकार विचार करेगी। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जो भी संसाधन और जरूरतें होगी, उसे सरकार पूरा करेगी।

पुलिस लोगों का विश्वास जीतें

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास का रिश्ता जितना मजबूत होगा। विधि व्यवस्था संधारण में उतनी ही सहूलियत होगी। अगर कोई कानून अपनी हाथों में ले तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो। क्योंकि, विधि- व्यवस्था बनाए रखना सरकार की विशेष प्राथमिकता है। 

कांडों की विस्तार से एनालिसिस करें

मुख्यमंत्री ने विभिन्न आपराधिक कांडों-हत्या, डकैती, लूट, छिनतई, चोरी, साइबर अपराध, महिला हिंसा, एससी एसटी उत्पीड़न से जुड़े मामले, अपहरण, पोक्सो एक्ट, दुष्कर्म और मानव तस्करी जैसे मामलों में दर्ज कांडों की विस्तार से समीक्षा करते हुए पुलिस पदाधिकारियों को इसका विस्तार से एनालिसिस करने को कहा। इससे अपराध के पीछे की मुख्य वजह सामने आएगी। इसका निपटारा न्याय पूर्ण तरीके से हो सकेगा। ज्ञात हो की 30 अप्रैल, 2023 तक पिछले एक वर्ष में पूरे राज्य में 20,446 कांड दर्ज किए गए हैं।

लंबित कांडों में कमी लाने के लिए प्लान बनाएं

मुख्यमंत्री ने राज्य में दर्ज विभिन्न कांडों की संख्या, लंबित कांडों और वारेन्ट, उसके अनुसंधान एवं सुपरविजन से जुड़ी जानकारी पुलिस पदाधिकारियों से ली। उन्होंने लंबित कांडों की संख्या में कमी लाने के लिए एक्शन प्लान बनाने का निर्देश दिया। इसके अलावा अपराधों के अनुसंधान के लिए अनुसंधान पदाधिकारी (आईओ) के साथ सहायक अनुसंधान पदाधिकारी भी बनाने के निर्देश दिए। इससे कांडों के अनुसंधान में तेजी लाई जा सकती है।

ज्यादातर मामलों में सजा नहीं होना चिंताजनक

झारखंड में दर्ज विभिन्न कांडों में सजा की दर काफी कम होना चिंताजनक है। ऐसे में विभिन्न कांडों में अनुसंधान की क्वालिटी को बेहतर बनाने का मुख्यमंत्री ने पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया, ताकि सजा की दर बढ़ सके। उन्होंने कहा कि धनबाद, पाकुड़, साहिबगंज देवघर जैसे जिलों जहां सजा की दर काफी कम है, वहां के लिए पुलिस मुख्यालय से भी पुलिस पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किए जाएं।

अवैध खनन रोकना सरकार की प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध खनन को लेकर सरकार काफी गंभीर है। विशेषकर कोयला, बालू, लौह अयस्क और पत्थर के अवैध खनन और उसके ट्रांसपोर्टिंग रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में जिला टास्क फोर्स को और प्रभावी बनाने के निर्देश लिए। इस मौके पर खनन सचिव के द्वारा अवैध खनन रोकने की दिशा में की जा रही कार्रवाई से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

जनप्रतिनिधियों से मिलकर सोशल एक्टिविटीज करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस-प्रशासन और आम लोगों के बीच कम्युनिकेशन गैप होने से समस्याएं बढ़ती है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में जिला परिषद सदस्य, मुखिया, सांसद और विधायक प्रतिनिधि और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर पुलिस सोशल एक्टिविटीज को मिशन मोड में ऑर्गेनाइज करें। इससे लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने में काफी मदद मिलेगी। वहीं, अलग-अलग तरीकों के अपराधों पर भी नियंत्रण करने में आसानी होगी।

मुख्‍य सचिव सहित ये अधिकारी मौजूद

उच्चस्तरीय बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव-सह गृह विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती वंदना डाडेल, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे के अलावा एडीजी, आईजी, डीआईजी स्तर के पदाधिकारी एवं जिलों के उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।

अधिकारियों को ये निर्देश दिए गए

★ नाइट पेट्रोलिंग और चेकिंग अभियान को बढ़ाने और नियमित रूप से करने के निर्देश

★ सोशल पुलिसिंग को मजबूत और बेहतर बनाने के साथ ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो

★ सभी जिले अपनी पूरी पुलिस सेटअप को रिव्यू कर सरकार को प्रपोजल भेजें, ताकि बेहतर पुलिसिंग के लिए जरूरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।

★ 4 से 5 वर्ष पुराने एक भी केस लंबित नहीं रहे, इसे सुनिश्चित करें।

★ लंबित वारेंट्स, कुर्की जब्ती और सीसीए से जुड़े मामलों के निष्पादन के लिए विशेष ड्राइव चलाएं

★ संगठित आपराधिक गिरोह के सक्रिय अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष स्ट्रेटजी बनाकर कार्रवाई करें

★ जेलों में योजनाबद्ध तरीके से नियमित रूप से निरीक्षण और औचक छापेमारी करें।

★ दूसरे राज्यों से अवैध शराब और मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए दूसरे राज्यों से सटे जिलों और जीटी रोड के किनारे अवस्थित जिलों को विशेष सतर्कता बरतने और लगातार छापेमारी करने के निर्देश।

★ साइबर अपराध और आस्तिक से जुड़े मामलों का प्रायोरिटी तय करते हुए इन्वेस्टिगेशन में तेजी लाएं।

★ सभी पुलिस अधीक्षकों को अपने जिलों के अंतर्गत स्थित थानों का नियमित निरीक्षण करने का निर्देश।

★ स्कूलों के आसपास की दुकानों में ड्रग्स की अवैध बिक्री हो रही है इसकी गिरफ्त में बच्चे आ रहे हैं इसे नियंत्रित करने के लिए विशेष प्लानिंग बना कर ड्रग्स का कारोबार करने वाले रैकेट्स के खिलाफ कार्रवाई करें।

★ महिला सुरक्षा को लेकर महिला कॉलेज और महिला विद्यालय के आसपास सीसीटीवी कैमरा लगाएं इसके अलावा सिविल ड्रेस में पुलिस बलों की तैनाती के साथ रेगुलर पेट्रोलिंग हो।