बुजुर्गों के लिए मानसिक और शारीरिक शांति का माध्यम बनीं बीइंग रेस्पॉन्सिबल

मध्य प्रदेश देश
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मध्‍य प्रदेश। इंदौर स्थित समाजसेवी संस्था बीइंग रेस्पॉन्सिबल तीनों डे केयर सेंटर्स व इंदौर के अन्य आनंदम सीनियर सिटीजन सेंटर में मालिश की सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। यह सेवा पूर्णतः निःशुल्क है। हफ्ते में एक निश्चित दिन इन सेंटर्स पर मालिश की सुविधा देने से संस्था से जुड़े बुजुर्गों को शरीर की अकड़न और जोड़ों के दर्द से काफी हद तक राहत मिली है।

बीइंग रेस्पॉन्सिबल की दीपिका यादव कहती हैं, ‘शहर में कई डे केयर सेंटर्स वर्षों से संचालित हो रहे हैं, जो बुज़ुर्गों के लिए सेवा भावना रखते हैं। इन सेंटर्स में एक-दूसरे का साथ पाकर मानसिक दुःख-दर्द तो दूर हो जाते हैं। हालांकि शारीरिक समस्या पर कुछ कम ही असर देखने को मिलता है। उम्र के इस पड़ाव में यदि सबसे अधिक तकलीफ दायक है, तो वह है जोड़ों का दर्द। बहुत कम ही लोग घर में मालिश संबंधी सेवाएं ले पाते होंगे। बुज़ुर्गों की इस समस्या को बीइंग रेस्पॉन्सिबल ने पहचानने की कोशिश की है।’

चारों सेंटर्स में मालिश की यह सुविधा देने वाले अर्जुन महर कहते हैं, ‘जोड़ों का दर्द बुजुर्गों के बीच सबसे सामान्य समस्या है, जिसमें घुटनों के दर्द की सबसे अधिकता देखी जाती है। मालिश के बाद सदस्यों के चेहरों पर जो सुकून देखने को मिलता है, वह मेरी सारी मेहनत सफल कर जाता है। बीइंग रेस्पॉन्सिबल की इस पहल से जुड़ना मेरे लिए गर्व की बात है।’

शहर में वर्तमान समय में डे केयर सेंटर्स का चलन काफी तेजी से बढ़ा है, इसका सीधा कारण है अकेलापन। नई पीढ़ी यानि नाती-पोते मोबाइल और आईपैड में सीमित होकर रह गए हैं।। बहु-बेटों को दो पैसे कमाने के लिए अधिकांश समय घर से बाहर ही बिताना पड़ता है। घर में अकेली रह जाती है बुज़ुर्ग पीढ़ी। शारीरिक रूप से कमजोर ये बुज़ुर्ग धीरे-धीरे मानसिक परेशानियों का सामना करने को मजबूर हो जाते हैं, जिसका प्रत्यक्ष कारण है कि दो बातें करने के लिए उनके पास कोई नहीं होता।