मोर्चा ने निदेशक से कहा, शिक्षकों की सेवा शर्त में नहीं हो अनावश्यक छेड़छाड़

शिक्षा झारखंड
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  • शिक्षकों को राज्य के अन्य कर्मचारियों के समान मिले 33 दिन EL

रांची। झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा ने शिक्षकों के लिए भी राज्य के अन्य कर्मचारियों की तरह गर्मी की छुट्टी समाप्त करते हुए 33 दिनों का अर्जित अवकाश (EL) देने की मांग की है। इस संदर्भ में झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा में शामिल राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ, झारखंड स्टेट प्राईमरी टीचर्स एसोसिएशन, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ +2 संवर्ग ने संयुक्त रूप से कई तथ्यों की ओर परियोजना निदेशक सहित शिक्षा सचिव, माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षा निदेशक को दी।

मोर्चा ने कहा कि शिक्षा परियोजना पाठशाला को प्रयोगशाला नहीं बनाएं। संगठन के सदस्‍यों ने जेसीईआरटी की निदेशक श्रीमती किरण कुमारी पासी से वार्ता की। झारखंड सेवा संहिता की नियमावली का हवाला देते हुए शिक्षकों की सेवा शर्त में अनावश्यक रूप से छेड़छाड़ नहीं करने का मांग की। राज्य की पाठशाला पर नित नए-नए अव्यवहारिक प्रयोग करने से बचने का सलाह दी।

प्रतिनिधिमंडल में मोर्चा के संयोजक विजय बहादुर सिंह, अमीन अहमद, अरुण कुमार दास, आशुतोष कुमार, रमापति पांडे एवं नागेंद्र तिवारी सम्मिलित थे।

इन तथ्‍यों को किया उजागर

विगत वर्षों से सामान्यतः देखा जा रहा है कि प्रत्येक वर्ष गर्मी की छुट्टी में शिक्षकों को विभागीय अथवा गैर विभागीय अन्यान्य कार्य संपन्न कराने की जिम्मेवारी दिए जाने की परंपरा हो चली है। फलस्वरूप शिक्षक उक्त छुट्टी में भी विभागीय आदेश के अनुपालन में सहज ही उपलब्ध रहने को बाध्य हो जाते हैं।

झारखंड सेवा संहिता के नियम 64 से 67 में निहित प्रावधानों के अनुसार राज्य के सभी सरकारी शिक्षकों को विश्रामावकाशी विभाग के अंतर्गत मानते हुए उन्हें छात्रों के साथ गर्मी की छुट्टी देय है।

इस अवकाश की प्रतिपूर्ति अर्जित अवकाश से विकलित कर लिए जाने का प्रावधान है। इसके कारण शिक्षकों को वार्षिक अर्जित अवकाश मात्र 14 दिन देय है। वहीँ, राज्य के अन्य कर्मचारियों (गैर विश्रामावकाशी विभाग) को अर्जित अवकाश 33 दिन वार्षिक दिए जाने का प्रावधान है।

शिक्षकों को दी जाने वाली गर्मी छुट्टी को लेकर विभागीय पदाधिकारी एवं कर्मचारियों से लेकर आम जनमानस में यह छवि बनी हुई है कि शिक्षकों को बहुत अधिक छुट्टी मिलती है। इसके कारण शिक्षकों के प्रति समाज में कई भ्रांतियां एवं दुर्भावना उत्पन्न होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

शिक्षकों को उक्त ग्रीष्मावकाश में विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण, पाठ्यपुस्तक निर्माण, वार्षिक शैक्षणिक कैलेंडर, ई लर्निंग मैटेरियल, यू डाइस रिपोर्ट, एसडीएमआईएस, बैंक अकाउंट संधारण, छात्रवृत्ति भुगतान जैसे अन्यान्य गैर शैक्षणिक कार्य में लगाया जाता है। उक्त छुट्टी का उपयोग विभाग कर सकती है। उक्त समय का सदुपयोग शिक्षकों के बौद्धिक उन्नयन के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्य का संपादन करते हुए छात्रों का शैक्षणिक काल में गुणवत्ता में समृद्धि किया जा सकता है।

विभागीय नियमानुसार विद्यालयों में वार्षिक शैक्षणिक कलेंडर निर्धारण के बाद ही विद्यालयों में सारी गतिविधियों का संचालन किया जाता है। इसके अंतर्गत गर्मी की छुट्टी भी पूर्व से निर्धारित रहती है।