DELHI: तिहाड़ जेल में पहली बार AK-47 से लैस QRT की होगी तैनाती, गोली मारने के भी होंगे अधिकार, जानें क्यूं पड़ी इसकी जरूरत

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। बड़ी खबर तिहाड़ जेल से आ रही है। यहां 2 मई को गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की सरेआम हुई हत्या के बाद यहां जेलों के अंदर पहली बार क्विक रेस्पॉन्स टीम (QRT) तैनात करने के आदेश जारी किए गए हैं, जो इस तरह की विषम परिस्थितियों से निपटने में सक्षम होगी। इसमें टीएसपी, सीआरपीएफ, आईटीबीपी और जेल के जवान शामिल होंगे।

इन सभी को डंडों से नहीं, बल्कि ग्लोक पिस्टल और एके-47 रायफल से लैस किया जाएगा। इन्हें जेल के अंदर कत्ल होने की स्थिति में शूट ऐट साइट की पावर भी होगी। तिहाड़ के डीजी संजय बेनीवाल ने पुष्टि की कि हमने तिहाड़ जेल में क्यूआरटी तैनाती के आदेश दिए हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि नौ जेलों वाली तिहाड़ में जरूरत के मुताबिक क्यूआरटी तैनात की जाएगी। हर जेल में दो-दो क्यूआरटी होंगी। हर क्यूआरटी में छह से आठ जवान होंगे। इसमें निडर और बहादुर जवान लगाए जाएंगे।

क्यूआरटी को पावर होगी कि वह कत्ल की स्थिति में पहले आरोपी कैदियों को पीछे हटने के लिए कहेगी। पीछे नहीं हटते हैं, तो क्यूआरटी हवा में तीन फायर करेगी, फिर भी पीछे नहीं हटते तो उनके पैरों में गोली मारी जाएगी। फिर भी नहीं मानते, तो क्यूआरटी के पास शूट ऐट साइट के भी अधिकार होंगे।

आपको बता दें कि टिल्लू मर्डर मामले में तिहाड़ जेल और टीएसपी किरकिरी के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने यह पहला कड़ा कदम उठाया है। अभी तक जेल के अंदर टीएसपी और जेल के जो जवान हैं, उनके पास केवल डंडे होते हैं। इन्हें जेल के अंदर हथियार नहीं दिए जाते।

जेलों में बंद तमाम गैंगस्टरों की लिस्ट भी तैयार की जा रही है। इन सभी को इनके गैंग के हिसाब से अलग-अलग रखा जाएगा। फिलहाल, टिल्लू की हत्या करने वाले चारों आरोपी कैदियों को दूसरी जेलों में शिफ्ट कर दिया गया है। अभी इस मामले में जेल के आठ स्टाफ को ही सस्पेंड किया गया है। दो अन्य के खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है। जांच के दौरान जिस-जिस की लापरवाही सामने आएगी, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।