चतरा। सीसीएल (CCL) की आम्रपाली चंद्रगुप्त क्षेत्र के प्रबंधन के साथ यूनियन की एजेंडा मिटिंग 18 मई को हई। इसमें राष्ट्रीय कोयला मजदूर यूनियन के पदधारियों ने महाप्रबंधक अमरेश कुमार सिंह के समक्ष 21 सूत्री मांगें रखीं। इसे अविलंब लागू करने की मांग की।
प्रबंधन की ओर से महाप्रबंधक एके सिंह, स्टाफ ऑफिसर पर्सनल अशोक कुमार, पर्सनल ऑफिसर अनूप भगत, पर्सनल ऑफिसर (परियोजना आम्रपाली) एसकेजी सहारे, परियोजना पदाधिकारी देवेंद्र प्रसाद, स्टाफ ऑफिसर सिविल, स्टाफ ऑफिसर इएंडएम, सभी विभाग के एचओडी उपस्थित थे। प्रबंधन ने मांगों को बहुत जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया।
बैठक में यूनियन की ओर से सीसीएल सचिव एवं जेसीएसी सदस्य ललन प्रसाद सिंह, क्षेत्रिय सचिव मोहम्मद जहूर, क्षेत्रीय कार्यकारी अध्यक्ष मनिन्दर कुमार सिंह, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मनोज मंडल, परियोजना अध्यक्ष अब्दुल कादिर, क्षेत्रीय संयुक्त सचिव हेमंत मंडल, प्रोजेक्ट संयुक्त सचिव विजय कुमार राय, परियोजना उपाध्यक्ष महेंद्र उरांव, संतोष कुमार, अशोक कुमार, राजेश्वर नोनिया, क्षेत्रिय संयुक्त सचिव अयोध्या मिस्त्री, बालेश्वर महतो, अरमान अंसारी, रमेश वर्मा, अभिषेक, आफताब आलम, मोहम्मद इम्तियाज, मोहम्मद मोहसिन, शमशुल हक, टिकेश्वर सिंह, सोमरा उरांव, क्षेत्रीय संयुक्त सचिव अजय कुमार सिंह, राजा कुमार, क्षेत्रीय संगठन सचिव अखिलेश उरांव इत्यादि उपस्थित थे।
इन मांगों को उठाया
मजदूरों को 11 दिन के बकाया वेतन का भुगतान किया जाए।
क्वार्टर अभिलंब बनाकर दिया जाए।
ड्यूटी के लिए हजारीबाग और रांची से बस चलाई जाए।
सर्विस सीट को कंप्यूटराइज्ड किया जाए।
इंसेंटिव का भुगतान किया जाए।
समय पर प्रमोशन दिया जाए।
क्लर्क ग्रेड थर्ड की परीक्षा अभिलंब ली जाए।
डिजिटल हाजिरी नहीं बनाई जाए।
प्रदूषण पर रोक लगाई जाए।
संवेदनशील पदों पर काम करने वालों का टेबल ट्रांसफर किया जाए।
सभी कांटा घरों में शौचालय, एसी और पीने का पानी की व्यवस्था की जाए।
समय पर सभी को रेगुलेशन किया जाए।
सीएमपीएफ पासबुक को अपडेट किया जाए।
प्रमोशन से बचे हुए सभी पदों पर भरा जाए।
साइडिंग पर ड्यूटी आने जाने के लिए बस की सुविधा मिले।
आम्रपाली परियोजना में डीपीएस स्कूल खोला जाए।
अच्छा हॉस्पिटल, इंजीनियरिंग कॉलेज एवं स्टेट बैंक की व्यवस्था की जाए।
महाप्रबंधक कार्यालय डकरा से हटाकर आम्रपाली में शिफ्ट किया जाए।
जनरल शिफ्ट में बसों की संख्या बढ़ाई जाए।
कैंटीन का टेंडर किया जाए और अच्छा खाना मजदूरों को दिया जाए।
आरकेटीसी, महालक्ष्मी एवं अंबे कंपनी के कामगारों से 8 घंटा ही काम लिया जाए।
कंपनी के कामगारों को समय से वेतन एवं बोनस दिया जाए।
उक्त तीनों कंपनियों में 75 प्रतिशत लोकल लोगों को काम दिया जाए।
विस्थापितों को नौकरी एवं मुआवजा दिया जाए।
विस्थापितों को 2 करोड़ तक का काम दिया जाए।
विस्थापितों गांव में बिजली, पानी, सड़क, स्कूल बस इत्यादि सुविधा दी जाए।
मैगजीन आम्रपाली में ही बनाया जाए।
अधिकारियों की तरह सीसीएल कामगारों को भी एलएल दिया जाए।
माइंस में एसी रेस्ट सेंटर बनाया जाए।
आम्रपाली डिस्पेंसरी में महिला डॉक्टर एवं महिला नर्स की पोस्टिंग की जाए।
गांव के बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ा जाए।
अनाधिकृत व्यक्ति के माइंस में घुसने पर प्रतिबंध लगाया जाए।
सुनहरे कल की ओर के तहत तुरंत कामगारों को ज्वाइनिंग दी जाए।
आसाम कोलफील्ड की तर्ज पर आम्रपाली के कामगारों को विशेष भत्ता दिया जाए।
परियोजना एवं क्षेत्र की सभी कमेटियों की बैठक हर माह की जाए।
बिना वार्निंग के चार्ज सीट नहीं दिया जाए।
आरकेटीसी के ट्रकों में कोयला त्रिपाल ढककर साइडिंग तक भिजवाई जाए।
लोडिंग प्वाइंट पर मुंशी के बहाल किया जाए।
लोडिंग प्वाइंट पर लाईट की समुचित व्यवस्था की जाए।
ट्रांसपोर्टिंग रोड एवं सभी कांटा घरों में नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाए।
सीएसआर एवं सिविल वर्क के कार्यों में कमेटी बनाई जाए।
टावर लाइट का मेंटेनेंस किया जाए और टावर लगाया जाए।
ठेका मजदूरों की मजदूरी दर तालिका सभी जगह लगाई जाए।