UP निकाय चुनावः भाजपा ने उतारे 395 मुस्लिम उम्मीदवार

उत्तर प्रदेश देश
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उत्तर प्रदेश। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों पसमांदा मुसलमानों को साथ जोड़ने की सीख भाजपा को दी थी। अब उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में पार्टी इस रणनीति पर अमल करती दिख रही है। भाजपा ने निकाय चुनाव में 395 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं, जिनमें से ज्यादातर पसमांदा यानी पिछड़ी जातियों के हैं।

यूपी में 4 और 11 मई को दो चरणों मतदान होना है। ऐसा पहली बार है, जब भाजपा ने इतनी बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। अपने समर्थकों के साथ ये मुस्लिम उम्मीदवार यूपी में नए ‘एमवाई फैक्टर’ की चर्चा कर रहे हैं। अब तक सपा के एमवाई फैक्टर की ही चर्चा होती थी, लेकिन अब भाजपा के पास भी यही दांव है।

बता दें कि पहली बार भाजपा ने ‘एमवाई फैक्टर’ का जिक्र 2022 के विधानसभा चुनाव में किया था। भाजपा को रामपुर जैसी सीट पर जीत मिली थी। इसके बाद से उसका रुझान मुस्लिमों की ओर बढ़ा है। यही वजह है कि निकाय चुनाव में उसने प्रयोग करते हुए बड़ी संख्या में मुस्लिमों को टिकट दिए हैं।

यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो कुछ राज्यों में भी भाजपा इस राह पर बढ़ सकती है। ऐसा हुआ, तो यूपी में सपा, बसपा और बिहार में आरजेडी जैसे दलों के लिए नई चुनौती खड़ी होगी। दरअसल यूपी में दशकों तक एमवाई फैक्टर का अर्थ मुस्लिम यादव वोट बैंक से रहा है, लेकिन भाजपा के एमवाई का अर्थ मोदी-योगी की लोकप्रियता के फैक्टर से है। 

यूपी में मुस्लिमों के एक वर्ग का कहना है कि इन दोनों नेताओं ने मुश्किल वक्त में मुफ्त राशन दिया था। इसके अलावा सरकारी योजनाएं भी उन तक पहुंच रही हैं। बिजनौर के नगीना से भाजपा उम्मीदवार नुसरत जहां ने कहा कि हम लोगों को बता रहे हैं कि कैसे हमें आज तक सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया जाता रहा, लेकिन आज हमें इंसान समझा जा रहा है।

यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि हमने बड़ी संख्या में कैंडिडेट उतारकर विपक्ष के उन आरोपों को जवाब दे दिया है, जो कहता है कि भाजपा मुस्लिमों को टिकट नहीं देती। 

आपको बता दें कि यूपी में निकाय चुनाव के लिए प्रचार तेज है। योगी आदित्यनाथ ने सोमवार से अपने कैंपेन की शुरुआत कर दी और एक ही दिन में तीन रैलियों को संबोधित किया। पश्चिम यूपी में भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष जावेद मलिक ने कहा, ‘हमने 2017 में भी 50 मुस्लिम कैंडिडेट उतारे थे।

इस बार यह आंकड़ा 395 तक पहुंच गया है। मुस्लिम समुदाय अब मोदी-योगी सरकार की ओर से किए गए कामों की चर्चा हो रही है। अब मुस्लिम समुदाय में सबका साथ-सबका विकास का नारा असर कर रहा है।’