विश्व पृथ्वी दिवस पर तजना नदी पर बना सबसे लंबा बोरीबांध, डीसी ने किया श्रमदान

झारखंड
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खूंटी। विश्व पृथ्वी दिवस पर सुदूरवर्ती मुरहू और अड़की की सीमा पर खूंटी जिले में सबसे लंबा 300 फीट का बोरीबांध बनाकर जल संचयन और नदी संरक्षण का काम किया गया। इसमें उपायुक्त समेत पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त व अनुमंडल पदाधिकारी ने श्रमदान किया। ईचाडीह और कोचाडीह टोलों के 100 से ज्यादा महिला-पुरूषों के साथ उपायुक्त ने बालू भरे बोरियां उठाकर बोरीबांध बनाने में श्रमदान किया। ग्रामीणों को इस कार्य के लिए साधुवाद दिया।

सामुदायिक शक्ति का प्रदर्शन

मौके पर उपायुक्त शशि रंजन ने ग्रामीणों को विश्व पृथ्वी दिवस का महत्व बताया। कहा कि आज के दिन जल संचयन और नदी के संरक्षण में किया गया यह कार्य काफी सराहनीय है। उपायुक्त ने कहा कि यह बोरीबांध नहीं, सामुदायिक शक्ति का प्रदर्शन है। उन्होंने कहा कि अगर गांव के लोग सामुदायिक शक्ति के बल पर इतनी बड़ी नदी का पानी रोक सकते हैं, तो समाज और गांव को भी बदल सकते हैं। उन्होंने लोगों से समाज व गांव को बदलते हुए बच्चों को बेहतर भविष्य देने का आह्वान किया। इस कार्य में जिला प्रशासन ग्रामीणों की भरपूर मदद करने को तैयार है।

सामूहिकता से सबकुछ है संभव

उपायुक्त ने कहा कि जिले के इस सबसे लंबे बोरीबांध का कैचमेट एरिया काफी बड़ा है। गर्मी में दो-तीन टोलों के लोगों को पानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। उन्होंने इसे एक अच्छी पहल बताते हुए कहा कि यह जिले के लोगों को दिखाना होगा कि सामूहिकता के बल पर पानी की समस्या का कैसे हल होता है। उपायुक्त ने कहा कि यहां कायम उत्साह के माहौल को देख वे खूद भी उत्साहित हो उठे हैं। उन्होंने कहा कि यह देखने लायक है। जिले के लिए गेम चेंजर है।

इन लोगों ने किया श्रमदान

तजना नदी में बने बोरीबांध में मुखिया जगमोहन मुंडा, पंसस जुरन मुंडा, वार्ड सदस्य रड़सी पाहन, ग्रामप्रधान मनय मुंडा, बुधराम मुंडा, बोंडो मुंडा, सीनू मुंडा, गोपाल पाहन समेत दोनो टोलों के ग्रामीणों ने श्रमदान किया।

कसीरा के ग्रामीणों ने बनाया बोरीबांध

कर्रा सदर पंचायत अंतर्गत कसीरा गांव में ग्रामसभा के सदस्यों ने श्रमदान कर बोरीबांध का निर्माण किया। यहां पूर्व में भी ग्रामीणों ने तीन बोरीबांध बनाया था। इस दिन पूरे गांव के लोग सारे कामकाज छोड़ जल संचयन में लगे रहे।

25 एकड़ में सब्जी की खेती

गांव के चंदा पाहन ने बताया कि इन चार बोरीबांध के बदौलत गांव में 25 एकड़ में सब्जी की खेती होती है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों से बन रहे बोरीबांध के कारण गांव के लोगों की आय में वृद्धि हुई है। गांव के कुंओं का पानी दो से तीन फीट उपर आया है।

श्रमदान करने वालों में ये

कसीरा में श्रमदान करने वालों में चंदा पाहन, अजीत हरेंज, साजन कंडुलना, बंधन पाहन, बसंत हरेंज, निरल हरेंज, लक्ष्मण पाहन, बसंती बारला, बुधनी हरेंज, सागी हेमरोम समेत समस्त ग्रामीणों ने श्रमदान किया।