PM से मिले लोहरदगा सांसद सुदर्शन भगत, संसदीय क्षेत्र में उद्योग लगाने का आग्रह

झारखंड
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आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। प्रधानमंत्री (PM) नरेंद्र मोदी से लोहरदगा सांसद सुरदर्शन भगत ने 5 अप्रैल को उनके संसद भवन कार्यालय में मुलाकात की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने गुमला, लोहरदगा आदि पूरे संसदीय क्षेत्र के हालचाल पूछे। संसदीय क्षेत्र में केंद्र की योजनाओं सहित सम्पूर्ण विकास योजनाओं की जानकारी ली।

सांसद ने संसदीय क्षेत्र (गुमला) में श्री अन्न (मिलेट) पर हुए सरहनीय कार्यों पर प्रधानमंत्री से चर्चा की। संसदीय क्षेत्र में मिलेट पर छोटे उद्योग लगाने, लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में बॉक्साईट आधारित उद्योग स्थापित करने, क्षेत्र के प्राचीनतम धार्मिक स्थलों के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा की। सांसद ने संसदीय क्षेत्र के सम्बन्ध में एक पत्र भी प्रधानमंत्री को दिया।

सांसद ने कहा कि वर्षा आधारित खेती और उर्वरा भूमि होने के साथ-साथ वन सम्पदा से परिपूर्ण लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। बॉक्साईट जैसे खनिज लवण से संपन्न है। प्राचीन टांगीनाथ धाम (शिव मंदिर) में दिव्य लौह त्रिशूल स्थापित है। गुमला जिले में ही हनुमान जी की जन्मस्थली आंजनग्राम भी अत्यंत प्राचीनतम देवस्थान है। पम्पापुर एवं रामरेखा धाम जैसे धार्मिक स्थल भी निकटतम हैं। परमवीर चक्र विजेता अलबर्ट एक्का का ग्राम भी गुमला में ही है। खेलों के क्षेत्र में गुमला का देश में अभूतपूर्व योगदान है। यहां की कृषि एवं ग्रामीण आधारित जीवनशैली भी यहाँ की सांस्कृतिक विरासत है।

सांसद ने कहा कि झारखंड, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के लिए सब्जी उत्पादन में बड़ा योगदान इसी क्षेत्र का रहता है। वनोत्पाद भी यहां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। अनेकों विशेषताओं के बाद भी यह क्षेत्र आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है। उग्रवाद से बुरी तरह से प्रभावित है। अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं एवं उच्च शिक्षा का आभाव है। रोजगार के अवसरों का आभाव है। यहां के लोग और यह पूरा क्षेत्र अनेकों विशेषताओं के बाद भी अनेकों विषमताओं एवं आभावों में जीवन यापन कर रहे हैं। यहां के लोग बड़ी संख्या में पलायन कर जाते हैं।

सांसद ने कहा कि यहां कोई बड़ा उद्योग एवं उपक्रम स्थापित हो जाये तो इस सम्पूर्ण क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि भी हो सकेगी। पलायन भी रुक सकेगा। यहां के धार्मिक स्थलों का वृहत स्तर पर सौन्दर्यकरण एवं विकास हो जाने पर पर्यटन बढ़ने की भी अपार संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में बॉक्साईट आधारित औद्योगिक इकाई, खाद्य प्रसंस्करण, बायो फ्यूल का प्लांट, आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण की इकाई एवं वस्त्र आधारित उद्योग आदि में से किसी एक भी स्थापना यदि हो जाये तो इस क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में लाभान्वित हो सकेंगे। भारत सरकार के प्रति भी और अधिक आस्था बढ़ेगी।

सांसद ने प्रधानमंत्री से संसदीय क्षेत्र की आवश्यकता एवं जनआकांक्षा को ध्यान में रखते हुए किसी एक बड़ी इकाई की स्थापना कराने का आग्रह किया।