आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जायेंगी जी कृष्णैया की पत्नी, नीतीश को लेकर कहीं ये बात…

बिहार देश
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पटना। आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी जी कृष्णैया की पत्नी टी उमा देवी। नीतीश को भी खूब खरी-खोटी सुनायीं। दरअसल, आनंद मोहन की जेल से रिहाई के फैसले पर विवाद बढ़ता जा रहा है। डीएम जी कृष्णैया की पत्नी औऱ बेटी ने मीडिया के सामने बिहार सरकार के इस फैसले की आलोचना की है।

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा है कि क्या यही इंसाफ है।

एक दलित और ईमानदार अफसर के हत्यारे को जेल से छोड़ा जा रहा है। क्या जी कृष्णैया बिहार में काम करने गये थे, यही उनका कसूर था। जी कृष्णैया की पत्नी टी उमा देवी ने कहा है कि वे बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रही हैं।

जी कृष्णैया की बेटी जी पद्मा ने कहा कि नीतीश कुमार ऐसा करेंगे ये हमने सोचा तक नहीं था। ये बहुत ही ज्यादा गलत हो रहा है। मेरे पिता इतना अच्छा काम कर रहे थे कि लोग आज भी उनकी चर्चा करते हैं। उनका मर्डर करने वाले को क्यों जेल से छोड़ा जा रहा है।

टी उमा देवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरे पति के हत्यारे को फांसी होनी चाहिये या उसको जिंदगी भर जेल में रहना चाहिये। उमा देवी ने नीतीश कुमार से कहा है कि क्या यही इंसाफ है। केवल अपनी राजनीति मत सोचिये, पब्लिक के बारे में सोचिये। अपनी सरकार को बनाने के लिए आप अपराधियों को जेल से छोड़ रहे हैं।

क्या आपको अच्छे लोग नहीं मिले, इसलिए आनंद मोहन को रिहा कर रहे हैं। ऐसा आदमी जेल से छूट गया, तो सारे अपराधकर्मियों को बढ़ावा मिलेगा। उमा देवी ने कहा कि ऐसी चर्चा हो रही है कि राजपूत समाज का वोट लेने के लिए आनंद मोहन को छोड़ा जा रहा है। मैं राजपूत समाज से पूछना चाहती हूं कि क्या उन्हें अपने समाज के अच्छे लोगों के बजाय बुरे लोगों के समर्थन में आगे आना चाहिये।

टी उमा देवी ने कहा कि बिहार सरकार के फैसले से आईएएस अधिकारियों में भी काफी नाराजगी है। 1985 बैच के आईएएस अधिकारियों ने आपस में बात की है। उसके बाद उन्होंने उमा देवी से भी संपर्क किया है। उमा देवी ने कहा कि वे अकेले लड़ने में सक्षम नहीं हैं, लेकिन अगर साथ देने वाले मिलेंगे, तो वह सुप्रीम कोर्ट भी जायेंगी।

सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगायेंगी कि पति के हत्यारे को जेल से नहीं छोड़ा जाये। उमा देवी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से भी हस्तक्षेप करने की गुहार लगा रही हैं। उनसे मांग कर रही हैं कि आनंद मोहन को रिहा होने से रोका जाये।