Jharkhand : विभाग के आदेश से शिक्षक असमंजस में, संघ ने परेशान करने का लगाया आरोप

झारखंड
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रांची। शिक्षा विभाग के आदेश से झारखंड (Jharkhand) के शिक्षक असमंजस में हैं। उन्‍हें समझ में नहीं आ रहा है कि उसका पालन कैसे करे। संघ ने आरोप लगाया कि शिक्षकों को परेशान करने के साथ बच्‍चों के भविष्‍य से खिलावाड़ किया जा रहा है।

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, झारखंड प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए कब और कैसा विभागीय फरमान जारी कर दिया जाएगा, इसका अनुमान लगाना संभव नहीं है। 21 अप्रैल 2023 को दो पत्र जारी किए गए।

झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद् ने 21 अप्रैल को एक आदेश (पत्रांक-1878) जारी कि‍या है। इसमें निर्देश दिया गया कि विशेष शिक्षक-अभिभावक बैठक 25 अप्रैल, 2023 को विद्यालय में आयोजित कर 26, 27 एवं 29 अप्रैल की तिथि वार्षिक मूल्यांकन (SA-2) के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए।

झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने 21 अप्रैल, 2023 को जारी पत्र (पत्रांक -529) में SA-2 परीक्षा की नई तारीखों की घोषणा की है। मजेदार बात यह है कि जेईपीसी एवं जेसीईआरटी के प्रभारी पदाधिकारी एक ही है। इन पत्रों में कहा गया है कि नए सत्र की शुरुआत 1 जून, 2023 से प्रारंभ कर दी जाए, जबकि मूल्यांकन कार्य SA-2 का प्रारंभ ही 12 से 15 जून 2023 को होगा।

ये दोनों पत्र के एक ही तिथि और एक ही अधिकारी द्वारा जारी किया गया है। इससे यह शिक्षकों में ऊहापोह की स्थिति उत्पन्न करता है। राज्य के गरीब बच्चों के भविष्य के साथ अधिकारी किस प्रकार खिलवाड़ कर रहे हैं, इसकी बानगी भी प्रस्तुत करता है।

संघ का कहना है आखिर प्रदेश के शिक्षक पत्र का अनुपालन कैसे करें। यह समझ से परे हैं। शिक्षकों को परेशान करने की यह अधिकारियों की सोची समझी चाल है। उन्हें जरा भी राज्य के छात्रों के भविष्य की चिंता नहीं है।

Sa2 मूल्यांकन कार्य 6 मई से 13 मई, 2023 के बीच किया जाएगा। मूल्यांकन के लिए सीआरसी में कॉपी जांच 12 से 15 जून के बीच किया जाना है। इस बीच सत्र 2023-24 का प्रारंभ 1 जून, 2023 से बच्चों को प्रोन्नत कर दिया जाएगा। फिर इस Sa2 मूल्यांकन का क्या औचित्य रह जाएगा।

संघ ने सचिव सहित राज्य के मुख्यमंत्री से मांग कि‍या है कि इस तरह के निर्देश निकालकर शिक्षक एवं छात्रों को अनावश्यक परेशान नहीं किया जाए।