Jharkhand : बीते 5 सालों में 462 लोगों को मौत के घाट उतारा हाथियों ने

झारखंड
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  • रांची सांसद ने संसद में उठाया हाथियों के उत्पात का मामला, दिया ये सुझाव

रांची। झारखंड की राजधानी रांची क्षेत्र सहित पूरे झारखंड (Jharkhand) में जंगली हाथियों के उत्पात और उससे होने वाले जानमाल के नुकसान का मामला सांसद संजय सेठ ने 5 अप्रैल को लोकसभा में उठाया। सांसद ने लोकसभा में भारत सरकार से मांग की की हाथियों के प्रकोप और उत्पात से जान माल का नुकसान कम हो, इसके लिए प्रभावित राज्यों के साथ मिलकर हाथियों के लिए राष्ट्रीय कॉरिडोर का निर्माण किया जाए।

सांसद ने सदन में कहा कि जंगली हाथियों के उत्पात ने रांची सहित पूरे राज्य में तबाही मचा रखी है। बीते 5 सालों में 462 मौत हाथियों के आतंक से हुई है। यह भारत में दूसरे नंबर का राज्य है, जहां इतनी बड़ी संख्या में मौतें हुई है। इसका कारण कहीं ना कहीं पर्यावरण का असंतुलन के साथ इंसान की गलतियां भी है। झारखंड की जो स्थिति है, उसमें अवैध बालू खनन के कारण लोगों ने हाथियों का रास्ता रोक दिया है।

सांसद ने कहा कि हाथियों का जो कॉरिडोर है, उसमें बंगाल पश्चिम बंगाल ने फेसिंग कर दी है। परिणाम यह हुआ है कि रास्ता बंद होने से हाथी बेकाबू होते जा रहे हैं। वर्तमान समय में रांची और खूंटी जिले में करीब 5 दर्जन से अधिक हाथियों का झुंड फंसा हुआ है, जो कहीं ना कहीं उत्पात मचा रहा है।

इस साल महज 3 महीने में हाथियों से कुचलकर 20 लोगों की मौत हो चुकी है। दूसरी तरफ भालू भी अब हमलावर होते जा रहे हैं। 

सेठ ने सदन में कहा कि हाथियों की समस्या के समाधान के लिए कदम उठाए जाएं। जो राज्य हाथियों व जंगली जानवरों के उत्पात से प्रभावित हैं, उनके साथ मिलकर कॉरिडोर बनाया जाए। मानव और हाथियों के बीच चल रहा संघर्ष रुक सके। लोगों की जान बचे।