नई दिल्ली। अगर ट्रेनों में टिकट पर आपको रियायत मिलती है, तो यह खबर आपके मतलब की है। देश में रेलवे की ओर से वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे टिकट की सभी श्रेणियों में रियायती टिकट दिया जाता रहा है। कोरोना काल के दौरान सरकार ने सभी रियायती टिकटों पर रोक लगा दी थी और तब से सभी क्लास के रियायत टिकटों की बिक्री बंद है।
रेलवे की ओर छात्रों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक और अन्य कई कैटेगरी जैसे स्पोर्ट्स कोटा में रेल टिकट के किराए में अलग-अलग प्रतिशत की छूट दी जाती रही है। लेकिन कोरोना काल के आरंभ में जो यह छूट बंद हुई, तब से लेकर अभी तक इसे दोबारा आरंभ नहीं किया गया। लाखों लोग जो इन छूट का लाभ ले रहे थे, उन्हें अब इसके दोबारा आरंभ होने का इंतजार है।
तमाम सामाजिक और राजनीतिक संगठन सरकार से लगातार छूट दोबारा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। कई मौकों पर सरकार के मंत्रियों से लेकर रेल मंत्री तक से यह सवाल अलग अलग मंचों पर पूछ लिया गया है। हाल ही में यही सवाल रेलमंत्री से संसद में भी पूछा गया था। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि पिछले 2021 में यात्री सेवाओं के लिए 59,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई थी। यह एक बहुत बड़ी राशि है। उन्होंने यह भी कहा कि यह राशि कई राज्यों के बजट से भी ज्यादा है। इसके अलावा रेलवे का पेंशन और वेतन बिल भी बहुत अधिक है।
ट्रेन यात्रा में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायत कब बहाल होगी, पर पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे ने यात्री सेवाओं के लिए 59,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है। साथ ही रेलवे का वार्षिक पेंशन बिल 60,000 करोड़ रुपये है और वेतन बिल 97,000 करोड़ रुपये है, जबकि ईंधन पर 40,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे नई सुविधाएं लेकर आ रही है। ऐसे में अगर कोई नया फैसला लेना होगा तो हम लेंगे, लेकिन वर्तमान में सभी को रेलवे की स्थितियों पर गौर करना चाहिए। पिछले ही महीने लोकसभा की स्थाई समिति ने भी यह सिफारिश की है कि रेलवे वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे किराए में दी जाने वाली छूट को दोबारा से आरंभ करेगी।
आपको बता दें कि भारतीय रेलवे 60 वर्ष से ज्यादा के पुरुष रेल यात्री को 40 प्रतिशत की छूट और 58 वर्ष से अधिक की महिला रेल यात्री को किराए में 50 प्रतिशत की छूट देती रही है, जो अब रुकी हुई है।