JHARKHAND: कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की 46 छात्राएं हुईं कोरोना पॉजिटिव, मचा हड़कंप, जानें आगे

झारखंड
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चाकुलिया। बड़ी खबर झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया से आयी है। यहां कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की 46 छात्राएं कोरोना संक्रमित पायी गयी हैं। बता दें कि सोमवार को कोरोना जांच की गयी। कुल 235 छात्राओं की कोरोना जांच की गयी। इनमें से 46 छात्राएं कोरोना संक्रमित मिलीं।

कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में इतनी बड़ी संख्या में बच्चियों के कोरोना संक्रमित होने पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। प्रखंड से लेकर जिला तक के पदाधिकारी हरकत में आ गए हैं। बच्चियों को आवश्यक दवा उपलब्ध कराने के बाद विद्यालय के पीछे स्थित एक भवन में होम आइसोलेट कर दिया गया है।

बीडीओ देवलाल उरांव, अंचल अधिकारी जयवंती देवगम तथा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजीत मुर्मू ने विद्यालय का जायजा लिया। सभी जांच रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से की गयी है। लैब टेक्नीशियन प्रवीर बेहरा ने कोरोना जांच की।

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजीत मुर्मू ने कहा कि पिछले दिनों कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की दो छात्राएं कोरोना संक्रमित मिली थीं। इसके बाद विद्यालय परिसर में कई बच्चियों के बुखार एवं सर्दी खांसी होने की शिकायत मिल रही थी। स्कूल की वार्डन ने उनसे दूरभाष पर संपर्क कर बच्चियों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देते हुए कोरोना जांच कराने का आग्रह किया था।

अस्पताल से टीम भेजकर जांच की गयी। उन्होंने कहा कि अभी तक सभी छात्राओं की जांच नहीं की गयी। मंगलवार को 3 सदस्यीय टीम स्कूल पहुंचकर बाकी बची बच्चियों की भी कोरोना जांच करेगी। इसके अलावा विद्यालय के सभी कर्मचारियों की भी कोरोना जांच होगी। उन्होंने कहा कि जिला से प्राप्त निर्देश के मुताबिक चाकुलिया के अंधारिया स्थित अनुसूचित जाति जनजाति आवासीय प्राथमिक विद्यालय में भी टीम बनाकर कोरोना जांच की जाएगी।

बता दें कि चाकुलिया सीएचसी में 12 अप्रैल से प्रतिदिन कोरोना जांच की जा रही है। अब तक कुल 663 लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है। 59 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। नियम के मुताबिक रैपिड एंटीजन टेस्ट किट के माध्यम से जांच के बाद जो भी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। उनकी सत्यता के लिए आरटीपीसीआर जांच की जानी है।

8 लोगों की आरटीपीसीआर जांच के लिए जमशेदपुर भेजा गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजीत मुर्मू की मानें, तो अब तक 8 में से 1 की भी जांच रिपोर्ट उन्हें नहीं मिली है। जिले में अब तक आरटीपीसीआर जांच की व्यवस्था ही शुरू नहीं की जा सकी है। आमतौर पर लोग रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से की गयी जांच को शत प्रतिशत सही नहीं मानते हैं।