Coal India : नई दिल्ली। कोयला कामगारों का वेतन समझौता को जल्द पूरा नहीं करने पर भारतीय मजदूर संघ (BMS)ने आंदोलन करने की धमकी दी है। संघ जेबीसीसीआई की बैठक जल्द बुलाने के लिए प्रबंधन पर दबाव दे रहा है। उक्त बातें संघ के कोल उद्योग प्रभारी के लक्ष्मा रेड्डी ने कही।
रेड्डी ने कहा कि जेबीसीसीआई की 8वीं बैठक में कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते की सिर्फ मिनिमम गारंटी बेनिफिट 19 प्रतिशत पर ही सहमति बनी है। अन्य बिंदुओं पर जल्द बैठक बुलाकर मार्च, 2023 के अंत तक फाइनल करने का संगठन ने पूरजोर प्रयास किया।
कोल प्रभारी ने आरोप लगाया कि कोल इंडिया प्रबंधन के कुछ शीर्ष अधिकारी संगठन विशेष की मदद करने में लगे हैं। यही कारण है कि 10 फरवरी, 2023 को कलकत्ता हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद भी जेबीसीसीआई की 9वीं बैठक आयोजित करने में जानबूझकर विलंब की गई, जिससे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर अभी तक चर्चा कर सहमति बनाना शेष रह गया है।
रेड्डी ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ प्रयासरत है कि जल्द जेबीसीसीआई की होने वाली बैठक में सभी यूनियन से समन्वय बनाकर 11वें वेतन समझौता को अंतिम रूप दिया जाए। उसके बाद ही इसे मंत्रालय को स्वीकृति के लिए भेजा जाए।
कोल प्रभारी ने कहा कि संघ के खिलाफ कई लोग दुष्प्रचार कर कोयला मजदूरों को भ्रमित करने का कार्य कर रहे है। कहा जा रहा है कि 19 प्रतिशत एमजीबी अभी तक लागू नहीं हुई है। मामला अधर में लटका है, जबकि अभी तक वेतन समझौता के अन्य शेष बिन्दुओं पर आम सहमति नहीं बनी है। सभी बिंदुओं पर आम सहमति बनने के बाद ही मंत्रालय में अप्रूवल के लिए भेजा जाता है। इसके पूर्व के वेतन समझौता में भी यही हुआ है। यही प्रैक्टिस भी है।
रेड्डी ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ जेबीसीसीआई की 9वीं बैठक जल्द कराने के लिए प्रयासरत है। जेबीसीसीआई की 9वीं बैठक में बीएमएस अन्य सभी यूनियन के साथ समन्वय बनाकर मजदूर हित में जल्द वेतन समझौता को अंतिम रूप देने के लिए कोल इंडिया प्रबंधन पर दबाव बनाएगा। प्रबंधन के अड़ियल नीति अपनाने पर कोल उद्योग में तीव्र आंदोलन किया जाएगा।