सीएमपीडीआई में ‘लिंग संवेदीकरण और पॉश जागरुकता’ पर कार्यशाला

झारखंड
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रांची। सीएमपीडीआई (मुख्यालय), रांची में ‘लिंग संवेदीकरण और पॉश जागरुकता’ पर कार्यशाला का आयोजन 10 मार्च को किया गया। इसका उद्देश्य कर्मियों के बीच लैंगिक मुद्दों के बारे में जागरुकता पैदा करना और लैंगिक न्याय का एक सक्षम वातावरण बनाने की दिशा में काम करना है। जहां पुरूष और महिलाएं व्यक्तिगत सुरक्षा और सम्मान की भावना के साथ मिलकर काम कर सके। एक-दूसरे की जरूरतों और हितों की बेहतर समझ भी हासिल कर सकें।

पॉश अधिनियम के मास्टर ट्रेनर प्रो (डॉ) रमन बल्लभ ने एक प्रस्तुति के जरिए पीओएसएच एक्ट के विभिन्न प्रावधानों और आर्टिकल्स के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। इस क्रम में उन्होंने जैसे यौन उत्पीड़न से सम्बंधित हरकत, फर्जी शिकायतें, कानून का उचित उपयोग, कानूनी जटिलताओं से बचने के लिए कानून के दुरूपयोग का निषेधीकरण, एक पारदर्शी रिपोर्टिंग और जवाबी प्रक्रिया पर चर्चा की।

डॉ बल्‍लभ ने कहा कि यदि इन मापदंडों को ईमानदारीपूर्वक व्यवहार में लाई जाए तो सम्मान और शून्य सहिष्णुता की संस्कृति बनाने की हमारी प्रतिबद्धता हो सकती है। इससे कार्यस्थल सभी कर्मियों के लिए एक सुरक्षित और अधिक समावेशी स्थान बन सकती है। यह हमारे कार्यस्थल में विविधता और समानता का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

उक्त कार्यशाला में सीएमपीडीआई के लगभग 50 कर्मियों ने भाग लिया। इसमें महिला एवं पुरूष कर्मी बराबरी की संख्या में शामिल थे।