पंडित बाबा रामदेव
रांची। इस बार राम नवमी का पर्व 30 मार्च, गुरुवार को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रेतायुग में इसी तिथि पर भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। तभी से ये पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन प्रमुख राम मंदिरों में विशेष पूजा और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इस बार राम नवमी पर ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति बन रही है, जिसके चलते ये पर्व और भी खास हो गया है। पंडित बाबा रामदेव से जानिए इस बार राम नवमी पर कौन-कौन से शुभ योग बनेंगे…
पंचांग के अनुसार, 30 मार्च, गुरुवार को राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र रात 10.59 तक रहेगा। गुरुवार को पुनर्वसु नक्षत्र होने से सिद्धि और पुष्य नक्षत्र होने से शुभ नाम का योग बनेगा। साथ ही इस दिन सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग भी बनेंगे। इतने सारे शुभ योग एक साथ होने से राम नवमी पर्व का महत्व और भी बढ़ जाएगा।
जानें कब से कब तक रहेंगे ये शुभ योग…
– सर्वार्थसिद्धि योग- 30 मार्च की सुबह 06:25 से रात 10:59 तक।
– अमृतसिद्धि योग- 30 मार्च की रात 10:59 से 31 मार्च की सुबह 06:24 तक।
– सर्वार्थसिद्धि योग – 30 मार्च की रात 10:59 PM से 31 मार्च की सुबह 06:24 तक।
– गुरु पुष्य योग- 30 मार्च की रात 10:59 से 31 मार्च की सुबह 06:24 तक।
इस दिन बुधादित्य योग भी रहेगा
30 मार्च को बुध, सूर्य और गुरु मीन राशि में रहेंगे। बुध और सूर्य के एक ही राशि में होने से बुधादित्य नाम का योग बनेगा। इस योग को ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही शुभ मानकर राजयोग का दर्जा दिया गया है। इस राजयोग में की गई पूजा, उपाय आदि बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं।
शनि 30 साल बाद रहेगा कुंभ राशि में
पंडित बाबा रामदेव के अनुसार, शनि इस समय अपनी स्वराशि कुंभ में स्थित है। इसके पहले साल 1993 में शनि के कुंभ राशि में रहते हुए राम नवमी का पर्व मनाया गया था और अब ये योग 2023 में बना है। शनि के स्वराशि में होने से कई शुभ फल प्राप्त होते हैं और ये स्थिति भी बहुत खास मानी गई है।
12 साल बाद गुरु रहेगा मीन राशि में
इस समय गुरु ग्रह अपनी स्वराशि मीन में रहेगा। इसके पहले साल 2011 में गुरु ग्रह मीन राशि में था, तब राम नवमी का पर्व मनाया गया था। इस राशि में गुरु के साथ बुध और सूर्य भी रहेंगे। ये तीनों ग्रह आपस में मित्रता का भाव रखते हैं। एक ही राशि में 3 मित्र ग्रह होने से इसका भी शुभ फल प्राप्त होगा और ये त्रिग्रही योग भी कहलाएगा।