
नई दिल्ली। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में निकाय चुनाव कराने के लिये हरी झंडी दे दी है। कोर्ट ने चुनाव में ओबीसी आरक्षण देने के गठित आयोग की रिपोर्ट स्वीकार कर ली। इसी के साथ ही यूपी सरकार को दो दिन में निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी करने की इजाजत दी है। इसी के साथ यूपी में चुनावी सरगर्मियां शुरू हो जाएंगी।
निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण निर्धारण के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया था।इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट सीएम योगी को सौंप दी थी। कैबिनेट के अनुमोदन के बाद इसे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया था।
यूपी में निकाय चुनाव के लिए नगर विकास विभाग की आरक्षण सूची पर आपत्तियां की गयी थी। इस मामले में कोर्ट में याचिकाएं भी दाखिल की गयी थीं। हाईकोर्ट ने इसके बाद बिना आरक्षण के चुनाव कराने के निर्देश दिये थे। इसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट गयी थी और उसे 31 मार्च 2023 तक पूर्व में सुप्रीमकोर्ट में दी गयी व्यवस्था के आधार पर सर्वे कराकर निकाय चुनाव में आरक्षण देने का आदेश दिया गया था।
यूपी सरकार ने UP Nikay Chunav 2023 के लिये 28 दिसंबर 2022 को हाईकोर्ट के रिटायर जज राम औतार सिंह की अध्यक्षता में निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण देने के लिये पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया था। आयोग ने सभी 75 जिलों में जाकर पिछड़ों की आबादी का सर्वे कराया। रैपिड सर्वे के पिछड़ी जाति के आंकड़ों, पहले की आरक्षण सूची, चक्रानुक्रम प्रक्रिया की जानकारी ली। इसी आधार पर आयोग ने 350 पेज की रिपोर्ट बनायी थी।
UP Nikay Chunav 2023 के लिये आयोग ने 20 दिन पहले ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। इसी बीच राज्य चुनाव आयोग ने भी मतदाता सूची का पुनरीक्षण अभियान शुरू कर दिया था। जो पूरा हो चुका है। अब चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होना है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिये दो दिन का समय दिया है।