नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के सांसद राहुल गांधी को उनकी मोदी सरनेम टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया गया था। उसी तारीख से लोकसभा के सदस्य के रूप में राहुल गांधी को अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसकी अधिसूचना लोकसभा सचिवालय ने जारी कर दी। राहुल की सदस्यता खत्म होने के बाद ही राजनीति दलों में संग्राम शुरू हो गया है।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करना मोदी सरकार की प्रतिशोध की नीति का उदाहरण है। भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी की लोकप्रियता बहुत बढ़ी है। मोदी सरकार को यही हजम नहीं हो रहा। उन्हें लग रहा है कि राहुल गांधी का मुंह बंद करना होगा क्योंकि अगर उन्हें बोलने दिया गया तो BJP सरकार से बाहर हो जाएगी।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि स्पीकर को अधिकार है कि वे ऐसी स्थिति में किसी सांसद को अयोग्य घोषित कर सकते हैं। सूरत ज़िला अदालत के फैसले के बाद ये निर्णय लेना बहुत जरूरी था, स्पीकर ने उचित फैसला लिया है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के कई नेताओं की सदस्यता BJP ने ली है। आज कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी की सदस्यता गई है। ये सब जानबूझकर असली मुद्दे जैसे- महंगाई, बेरोजगारी और अपने मित्र उद्योगपति पर बहस से ध्यान हटाने के लिए किया गया है।
कांग्रेस महासचिव केवी वेणुगोपाल ने कहा कि जब राहुल गांधी ने अडानी पर प्रधानमंत्री से सवाल पूछे थे, उसी समय से इन्होंने इस प्रकार साजिश राहुल गांधी की आवाज को दबाने के लिए शुरू कर दी थी। मोदी सरकार के मंत्रियों ने कई बार राहुल गांधी के खिलाफ गलत आरोप लगाए। लोकसभा में राहुल गांधी को बोलने का और अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया गया। ये साफ-साफ भाजपा सरकार के लोकतंत्र विरोधी और तानाशाह वाले मनोभाव को दर्शाता है।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि क्या एक पूरे समाज को चोर बोल सकते हैं? क्या कांग्रेस जैसी पार्टी के लिए छोटे समाज और OBC समाज का अपमान करना और माफी भी न मांगना ही अभिव्यक्ति की आज़ादी है। गाली देने में और आलोचना करने में अंतर है। वे (राहुल गांधी) OBC समाज को गाली देने का काम कर रहे थे जिसकी वजह से उन्हें सजा हुई।
BJP सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ये कोर्ट का फैसला है। न्यायपालिका के फैसले को स्वीकार करना चाहिए। देश में न्यायालय के सामने सब समान हैं। वे(कांग्रेस) आरोप लगा रहे हैं कि देश में तानाशाही आ गई है। जो लोग भ्रष्टाचार में डुबे हुए हैं वो कह रहे हैं कि हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे थे। वे कोर्ट के फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मैं इस फैसले और जिस जल्दबाजी से इसे किया गया उससे स्तब्ध हूं। जब एक अपील प्रक्रिया में है तो इस अयोग्यता को लागू करने के तर्क को मैं नहीं समझ पाया। यह भारतीय लोकतंत्र की स्थिति के बारे में दुनिया को एक बहुत ही खराब संकेत भेज रहा है।
छत्तीसगढ़ CM भूपेश बघेल ने कहा कि राहुल गांधी ने देश की जनता को संदेश दिया कि डरो मत और उन्हें डराने की कोशिश हो रही है। अडानी की चर्चा से भागने के लिए तमाम प्रकार की कवायद हो रही हैं। इंदिरा गांधी को भी डराने की कोशिश की थी लेकिन डरा नहीं पाए। राहुल गांधी देश की समस्याओं की आवाज बुलंद करते रहेंगे।