पशुपतिनाथ मंदिर की तर्ज पर होगा खगेश्वरनाथ महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार

बिहार देश धर्म/अध्यात्म
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मुजफ्फरपुर (बिहार)। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बंदरा प्रखंड के मतलुपुर में स्थित अति प्राचीन खगेश्वरनाथ महादेव मन्दिर अब नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर के समरूप दिखेगा। करोड़ों रुपये की लागत से होने वाले खगेश्वरनाथ मंदिर के जीर्णोद्वार (नवनिर्माण) कार्य का शुभारंभ सोमवार को सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में विधिवत पूजा-अर्चना के साथ किया गया। आचार्य परमानन्द पाठक ने मुख्य यजमान जिलापार्षद फणीश कुमार चुन्नू और नेपाल के वंदना पांडेय के साथ विशेष अनुष्ठान कराया। मंदिर के पुजारियों ने महाआरती की। तत्पश्चात हर हर महादेव के जयघोष के साथ कलश स्थापित कर नवनिर्माण की नींव रखी गई।

इस एतिहासिक अवसर पर मंदिर न्यास समिति के तत्वावधान में भारत-नेपाल किसान सहयोग केंद्र के बैनर तले ‘नेपाल के शरीर में भारत की आत्मा’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मन्दिर न्यास समिति के अध्यक्ष पूर्व कुलपति डॉ गोपालजी त्रिवेदी और संचालन सचिव बैद्यनाथ पाठक ने किया। उन्होंने बताया कि नेपाल और भारत के सहयोग से इस मंदिर का नवनिर्माण हो रहा है।

इस अवसर पर गायघाट विधायक निरंजन राय ने कहा की बाबा खगेश्वरनाथ महादेव से लोगों का अटूट आस्था और विश्वास जुड़ा है। दिन प्रतिदिन लोगों का आस्था इस मंदिर से बढ़ता हीं जा रहा है। ऐसे में मन्दिर के नवनिर्माण हो जाने से क्षेत्र का भी विकास होगा। यहां आवागमन के रास्ते को सुगम किया जाएगा। इस ऐतिहासिक मन्दिर को पर्यटन स्थल घोषित कराने की मांग की जाएगी।

पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा की हमारी आस्था महादेव से है। महादेव पर हमारा विश्वास और उनका आशीर्वाद होगा तो यह पंचायत, जिला, बिहार सहित  पूरा भारतवर्ष खुशहाल होगा। उन्होंने उपस्थित लोगों से तन, मन और धन से इस पुनीत कार्य में अपना योगदान देने की अपील की।

नेपाल भारत भ्रातृ मंच के अध्यक्ष डॉ नवल किशोर सिंह ने कहा कि यह मंदिर नवनिर्माण धर्म, संस्कृति के साथ साथ भारत और नेपाल के मैत्री संबंध को प्रगाढ़ कर बेटी रोटी की रिश्ता मजबूत करेगा। नेपाल के शरीर में भारत की आत्मा बसती है। कार्यक्रम को भाजपा नेत्री रानी सिंह, किसान नेता रघुनंदन प्रसाद सिंह उर्फ अमर बाबू, सीनियर सिटीजन के श्यामनंदन प्रसाद ठाकुर आदि ने संबोधित किया।

मौके पर नेपाल के चीफ इंजीनियर भगवान झा, धीरज कुमार सिंह, रंजन कुमार यादव, गणेश ठाकुर, टुल्लू सिंह, दीपक झा, आचार्य राजन झा, ललन त्रिवेदी, रामसकल कुमार इत्यादि थे।