पाकिस्तान। बड़ी खबर पाकिस्तान से आ रही है। पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान को तोशाखाना मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है. इस्लामाबाद पुलिस इमरान की गिरफ्तारी का वारंट लेकर उनके जमां पार्क स्थित आवास पर पहुंची है.
जियो न्यूज के मुताबिक, कोर्ट ने इमरान को 7 मार्च तक पेश करने का आदेश दिया है. इमरान सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे चौधरी फवाद समेत कई नेता उनके आवास पर मौजूद हैं. बता दें कि इमरान खान की सरकार गिरने के बाद इसी तोशाखाना मामले में उनकी संसद की सदस्यता चली गई थी.
बता दें कि चुनाव आयोग ने इसको लेकर बाकायदा सुनवाई की थी, लेकिन इमरान की दलीलों से संतुष्ट नहीं होने पर पीटीआई चेयरमैन की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. यह भी बता दें कि तोशाखाना कैबिनेट का एक विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों, राष्ट्रप्रमुखों और विदेशी मेहमानों द्वारा दिए गए बेशकीमती उपहारों को रखा जाता है.
नियमों के तहत किसी दूसरे देशों के प्रमुखों या गणमान्य लोगों से मिले उपहारों को तोशाखाना में रखा जाना जरूरी है. इमरान खान साल 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे. उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे. उन्हें कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भी बेशकीमती गिफ्ट मिले थे, जिन्हें इमरान ने तोशाखाना में जमा करा दिया था, लेकिन इमरान खान ने बाद में तोशाखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और बड़े मुनाफे में बेच दिया. इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बाकायदा कानूनी अनुमति दी थी.
पूर्व प्रधानमंत्री ने चुनाव आयोग को बताया था कि राज्य के खजाने से इन गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा गया था और इन्हें बेचकर उन्हें करीब 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. इन गिफ्ट्स में एक Graff घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां सहित कई अन्य उपहार भी थे.
जियो न्यूज की मानें तो इमरान ने एक बार कहा था कि ये उनके गिफ्ट हैं, जो उन्हें निजी तौर पर दिए गए हैं. इसलिए इन पर उनका अधिकार है. खान ने कहा था कि यह उनकी मर्जी है कि वह इन गिफ्ट को अपने पास रखें या नहीं. हालांकि, तोशाखाना विवाद पर इमरान का कहना है कि तोशाखाना से गिफ्ट बेचने के विपक्षी दलों के आरोप आधारहीन हैं, क्योंकि उन्होंने तोशाखाना से जो कुछ भी खरीदा है, वह रिकॉर्ड में है.
खान ने कहा था, एक देश के राष्ट्रपति ने मेरे घर पर एक गिफ्ट भिजवाया था, जो मैंने तोशाखाना में जमा करा दिया. मैंने ये गिफ्ट उनकी मूल लागत से 50 फीसदी की दर पर खरीदे हैं. इमरान खान को उनके साढ़े तीन साल के प्रधानमंत्री पद के कार्यकाल के दौरान दुनियाभर के कई नेताओं से 14 करोड़ रुपये से अधिक लागत के 58 गिफ्ट मिले थे. उन पर यह आरोप भी लगा कि उन्होंने आयकर रिटर्न में इन गिफ्ट्स की बिक्री का ब्योरा पेश नहीं किया था.