18 लाख 82 हजार दीयों से जगमगाई महाकाल की नगरी उज्जैन, बन गया विश्व रिकार्ड

मध्य प्रदेश देश
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उज्जैन। आज शनिवार की शाम उज्जैन के नाम रही। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि महाशिवरात्रि की शाम ज्योतिर्लिंग ‘महाकाल’ की नगरी उज्जैन दीयों से जगमगा उठी। ये दीप मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के किनारे शाम ढलते ही प्रज्जवलित किए गए। अधिकारिक घोषणा से पहले ही कुछ घाटों पर दीपक जल्‍दी जला दिए गए। शहर में दीपक जलाने का विश्व रिकार्ड बना। यहां 18 लाख 82 हजार दीये जलाए गए। इससे पहले अयोध्‍या में 15 लाख से अधिक दीपक जलाए गए थे। कार्यक्रम के दौरान अद्भुत लेजर शो भी हुआ।

अपने संबोधन में सीएम ने उज्‍जैन के लोगों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा कि शहर ने नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है। महाकाल की नगरी में आज सबकुछ आलोकि‍त है। यह जनभागीदारी का अनूठा उदाहरण है।

आज से विक्रम उत्‍सव का भी शुभारंभ हो रहा है। सीएम ने इस मौके पर सरकार की लाड़ली बहना योजना का फिर जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्‍व में शक्तिशाली देश बन रहा है और अपना मध्‍य प्रदेश भी किसी से कम नहीं है। अब स्‍वच्‍छता में उज्‍जैन को भी नंबर एक बनाना है महाकाल महालोक की तरह।

बता दें कि गिनीज बुक आफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड में इतनी बड़ी संख्या में दीये एक साथ प्रज्जवलित किए जाने का विश्व रिकार्ड कायम हुआ। कार्यक्रम में हिस्‍सा लेने के लिए मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उज्‍जैन पहुंचे। इसके बाद हूटर बजते ही सभी दीपक प्रज्जवलित कर दिए गए। इसके बाद कीर्तिमान के लिए दीपों की गिनती की गई। इसके लिए घाटों की बिजली बंद कर दी गई। सीएम ने नौका में सवार होकर लोगों का अभि‍वादन स्‍वीकार किया।

सीएम ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के लिए तैयार गीत -महाशिवरात्रि का शुभ दिन है, उज्जयिनी देखो आज मगन है, जय गौरी शंकर, मिलकर मनाएं शिव ज्योति अर्पण…गाया गया।

इस अद्भुत और अविस्मरणीय पल के साक्षी सीएम के साथ देशभर से जुटे लाखों लोग बने। उल्‍लेखनीय है कि ‘शिव ज्योति अर्पणम्’ नाम से होने वाला ये कार्यक्रम जीरो वेस्ट अवधारणा पर आधारित रहा, जिसमें उपयोग लाई हर सामग्री को पुन: उपयोग में लिया जाएगा।

आयोजन से एक दिन पहले स्थानीय प्रशासन ने केदारेश्वर घाट, सुनहरी घाट, दत्त अखाड़ा घाट, रामघाट और भूखी माता मंदिर की ओर वाले घाट पर दीये प्रज्ज्वलित करने को ब्लाकवाइज जमा दिए गए थे। कुल 9333 ब्लाक बनाए गए। प्रत्येक ब्लाक में 225 दीये रखे गए थे।

जानकारी के अनुसार सभी दीये प्रज्जवलित करने को 20 हजार वालेंटियर नियुक्त किए गए थे। इन्हें निर्देशित किया गया था कि वे 10 मिनट की समय सीमा में दीये जलाकर पीछे हटें, ताकि अगले पांच मिनट में ड्रोन कैमरे से प्रज्ज्वलित दीयों की फोटो-वीडियोग्राफी की जा सके।

बता दें कि पिछले वर्ष उज्जैन ने महाशिवरात्रि पर 11 लाख 71 हजार दीप एक साथ प्रज्जवलित किए जाने का विश्व रिकार्ड बनाया था। ये रिकार्ड पिछले वर्ष अयोध्या ने 15 लाख 76 हजार दीप एक साथ प्रज्जवलित कर तोड़ दिया था।