विवेक चौबे
गढ़वा। जिले के कांडी थाना क्षेत्र अंतर्गत खुटहेरिया पंचायत के गोसांग गांव से काम की तलाश में महाराष्ट्र के नासिक गए एक मजदूर का शव रविवार की सुबह उसके पैतृक आवास पहुंचा। शव पहुंचते ही घर में कोहराम मच गया। बूढ़े मां-बाप और पत्नी की चीत्कार से पूरा गांव गमगीन हो गया। युवक की दो वर्ष पूर्व शादी हुई थी। एक छोटा बच्चा भी है।
घर-परिवार की भरण पोषण को लेकर महाराष्ट्र के नासिक जिला अंतर्गत इगत थाना क्षेत्र के खड़क वाली गांव में जीवीपीआर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में मजदूरी करने के दौरान दिलीप विश्वकर्मा की मौत 8 फरवरी की रात हो गई थी। गरीब परिवार व बूढ़ा बाप शव लाने में सक्षम नहीं था। खुटहेरिया पंचायत की मुखिया अनीता देवी ने गढ़वा उपायुक्त से शव घर लाने में मदद करने का आग्रह की थी।
उपायुक्त के आदेश पर श्रम अधीक्षक ने भी झारखंड राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को पत्र लिखकर शव लाने में सहयोग की अपील की थी।
इधर खुटहेरिया पंचायत के उप मुखिया आतिश कुमार सिंह, बीडीसी अभिनन्दन शर्मा व युवा संघर्ष सेना के केंद्रीय अध्यक्ष झुना सिंह के गाइड लाइन पर गांव के ही प्रेम सिंह ने शव का पोष्टमार्टम, एम्बुलेंस की व्यवस्था व कंपनी से बतौर मुआवजा कुछ राशि प्राप्त करने में सहयोग करते हुए शव को पैतृक आवास गोसांग पहुंचाया।
रविवार को शव का अंतिम संस्कार गांव के समीप जरही नाला में किया गया, जहां पिता कृष्णा मिस्त्री ने मुखाग्नि दी। मृतक अपने पीछे 22 वर्षीय पत्नी प्रियंका देवी व दूध मुहा बच्चा पवन सहित बूढ़ा मां-बाप छोड़ गया।