- राष्ट्रीय महत्व का स्थान घोषित कर इसके संरक्षण की मांग
रांची। रांची सांसद संजय सेठ ने लोकसभा में पहाड़ी मंदिर से जुड़ा मामला 19 फरवरी को उठाया। उसके संरक्षण और संवर्धन की मांग भारत सरकार से की। शून्यकाल के दौरान सांसद ने सदन में कहा कि भारत में ऐसे बहुत कम स्थान हैं, जिनका धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व साथ-साथ है। ऐसे ही स्थानों में है रांची का पहाड़ी मंदिर।
हिमालय से भी पुरानी इस पहाड़ी पर साक्षात भगवान शिव का वास है। यहां आदिवासी समुदाय से जुड़े बंधु भी पूजा करते हैं। इनके पाहन यहां पूजा कराते हैं। सबसे बड़ा ऐतिहासिक महत्व यह है कि कई स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी की सजा दी गई है, इसलिए इसे फांसी टुंगरी के नाम से भी जानते हैं।
सांसद ने कहा कि वर्तमान समय में इस पहाड़ी की स्थिति बहुत जर्जर हो चुकी है। पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी ने कई बार रिपोर्ट की है। उन्होंने बताया है कि यह पहाड़ी हिमालय से भी पुरानी है और भुरभुरी मिट्टी की है। हमेशा यह आशंका बनी रहती है कि यह कभी भी धंस सकती है। इतना बड़े धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व वाले स्थान को अब संरक्षण और संवर्धन की जरूरत है, ताकि इसकी ऐतिहासिकता, सांस्कृतिक छवि और आस्था सब कुछ बरकरार रह सके।
सांसद ने सरकार से निवेदन किया कि पहाड़ी के चारों तरफ मजबूत घेराबंदी हो। इसे लोहे की जाल से या बाड़ा लगाकर मजबूती से बांधा जाए ताकि इसके धंसने का खतरा कम हो सके और पहाड़ी सुरक्षित हो सके। सेठ ने इसे राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित कर इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य किए जाने की मांग की।