- अधिकतम सीमा 2 प्रतिशत, हर वस्तु का अलग-अलग तय है टैक्स
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख और मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में सचिव विनय कुमार चौबे के साथ झारखंड चैंबर के प्रतिनिधिमंडल की बैठक 18 फरवरी को हुई। इसमें झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक-2022 पर बात हुई। बाजार शुल्क से संबंधित विधेयक में 2 प्रतिशत टैक्स के अधिरोपण के मामले पर चर्चा हुई।
कृषि मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि बाजार शुल्क में 2 प्रतिशत टैक्स अधिरोपन को लेकर राज्य में भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है। दरअसल बाजार शुल्क में टैक्स अधिरोपण की अधिकतम सीमा 2 प्रतिशत निर्धारित है। खाद्यान्नों और वस्तुओं की हिसाब से टैक्स का निर्धारण किया जाना है। ऐसे में सभी खाद्यान्नों का बाजार शुल्क अलग-अलग होगा।
नियमावली में ख्याल रखा जाएगा
कृषि मंत्री ने कहा कि हर खाद्यान्न पर दो प्रतिशत बाजार शुल्क लगाने की बात कहकर व्यवसायियों और मंडियों से संबंधित लोगों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है। हर खाद्यान्न का बाजार शुल्क अलग-अलग निर्धारित होगा। वहीं, इस टैक्स की अधिकतम सीमा 2 प्रतिशत होगी। सरकार जो नियमावली तैयार करेगी, उसमें इसका विशेष ख्याल रखा जाना है।
नियमावली पर ली जाएगी राय
कृषि मंत्री बादल और मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि बाजार शुल्क से संबंधित नियमावली तैयार करने के पहले किसानों व्यवसायियों और मंडियों से जुड़े प्रतिनिधियों की राय लेगी। उसके बाद बाजार शुल्क से संबंधित नियमावली को लागू किया जाएगा।
टैक्स कलेक्शन की प्रणाली सरल
सचिव विनय कुमार चौबे ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि बाजार शुल्क कलेक्शन की प्रणाली को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के माध्यम से सरल बनाया जाएगा। मंडी टैक्स कलेक्शन सिस्टम पूरी तरह पारदर्शी होगी। कारोबारियों को इसे लेकर कोई परेशानी नहीं होगी।
राइस मिल्स को बढ़ावा दे रही
कृषि मंत्री ने कहा कि मंडी शुल्क से राइस मिल्स और इससे जुड़े कारोबारियों पर कोई कुप्रभाव नहीं पड़ेगा। सरकार राइस मिल्स को लगातार बढ़ावा दे रही है। पिछले वर्ष राज्य में 19 राइस मिल्स खुले, जिसे सरकार के द्वारा जमीन उपलब्ध कराया गया। आने वाले दिनों में नए राइस मिल्क खोलने की दिशा में भी सरकार लगातार कार्य कर रही है।
कृषि मंत्री ने झारखंड चैंबर प्रतिनिधिमंडल से कहा कि ऐसे में इस संबंध में भी जो बातें सामने आ रही है, वह दिग्भ्रमित करने वाली है। सरकार हर कदम पर किसान और कारोबारियों के हित में निर्णय ले रही है, ताकि आम जनता को इसका फायदा मिल सके।