
गिरिडीह। विदेशों में झारखंड के प्रवासी मजदूरों को बंधक बनाने और वेतन नहीं देने के मामले हमेशा सामने आते रहे हैं। ऐसा ही एक और मामला सामने आया है। इस बार गिरिडीह जिले एक एक युवक सऊदी अरब में फंस गया है। उसके परिजनों ने सरकार से उसे वतन वापस लाने की गुहार लगाई है।
बच्चों की ख्वाहिश पूरा करने और खुशहाल जिंदगी का सपना लिए गिरिडीह जिले के डुमरी प्रखंड के चकरबरई गांव का युवक खुबलाल महतो 18 दिसंबर ’22 को सऊदी अरब में कमाने गया था। वहां जाने के कुछ दिन बाद ही उसका मालिक हैवान बन गया। उसे यातनाएं देने लगा।
तड़पता खुबलाल दूसरे के मोबाइल से परिजनों को फोन करता है। मदद की गुहार लगाता है। हमें बचा लीजिए। यहां कफील (मालिक) उससे गुलामों की तरह काम लेता है। पैसे मांगने पर पिटाई करता है। कफील ने मेरे कपड़े, मोबाइल, पासपोर्ट सभी जला दिए हैं।
खुबलाल की पीड़ा सुनकर परिजनों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उसकी पत्नी धानेश्वरी देवी ने बताया कि दो महीने पूर्व बिहार के एजेंट के माध्यम से हमारे पति सउदी अरब गए थे। वहां उन्हें बंधक बनाकर काम कराया जा रहा है। ना ही उन्हें वेतन दिया जा रहा है और ना ही ठीक ढंग से खाने दिया जा रहा है। विरोध करने पर उन्हें यातनाएं झेलनी पड़ रही है। फोन पर उन्होंने बताया कि मालिक ने उनका मोबाइल, कपड़े, पासपोर्ट सभी कागजात जला दिए हैं।
प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सिकन्दर अली ने केंद्र व राज्य सरकार से मदद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि रोजगार के अभाव में झारखंड से देश-विदेश कमाने वाले जाने वालों के आए दिन इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के 36 मजदूरों में दो की किसी तरह से वापसी हो पायी हैं। अभी भी 34 मजदूर ताजिकिस्तान में फंसे हुए हैं। ऐसे में तत्काल फंसे मजदूरों की सकुशल वतन वापसी करायी जाय।