- अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर रोगी जागरुकता कार्यक्रम आयोजित
रांची। अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस हर साल फरवरी महीने के दूसरे सोमवार को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। इस अवसर पर सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकेट्री रांची ने इंडियन एपिलेप्सी एसोसिएशन की रांची चैप्टर के सहयोग से सीआईपी ओपीडी परिसर में एक रोगी जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इसका थीम ‘स्टेप अप अगेंस्ट स्टिग्मा’ था। कार्यक्रम की शुरुआत सीआईपी के निदेशक प्रो. डॉ. बासुदेब दास, प्रो डॉ डी राम सहित अन्य संकाय सदस्य और डॉक्टरों ने गुब्बारे छोड़ कर की।
प्रो डॉ बासुदेब दास ने मिर्गी के बारे में एक अंतर्दृष्टिपूर्ण अभिविन्यास प्रदान किया। बीमारियों के बढ़ते बोझ के बीच इसकी जागरुकता की आवश्यकता और शीघ्र निदान एवं उपचार की आवश्यकता पर जोर दिया। रोगी आमतौर पर बाद के चरणों में अस्पताल आते हैं, क्योंकि जागरुकता की कमी और सामाजिक कलंक के कारण वे गलत दिशा में जाते हैं।

निदेशक ने निम्न सामाजिक आर्थिक स्थिति वाले मरीजों के इलाज में देरी के बारे में भी उल्लेख किया। विभिन्न लागत प्रभावी दवाओं के उपलब्ध होने के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि सीआईपी में प्रत्येक सप्ताह गुरुवार को मिर्गी क्लीनिक चलाया जाता है। मरीज यहां आकर परामर्श ले सकते हैं।
सीआईपी के सीनियर रेजिडेंट डॉ चंद्रमौली रॉय ने मिर्गी के प्रकार, संकेत और लक्षण, जब्ती के तीव्र प्रबंधन, उपचार की प्रभावशीलता और आवश्यक सहायक देखभाल पर ध्यान केंद्रित किया।
डॉ दीपांजन ने रोगी की देखभाल और देखभाल के मनोसामाजिक पहलुओं के विभिन्न मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोणों को संबोधित किया। बीमारी के आसपास के कलंक के बारे में बात की। उपचार की मांग में देरी के कारण और मिर्गी के बारे में जागरूकता की कमी को संबोधित किया।
ओपीडी में आने वाले मरीजों व परिजनों के सवालों का जवाब दिया। कार्यक्रम के दौरान डॉ रोशन, डॉ उमेश, डॉ अनिरुद्ध, डॉ सुरजीत, डॉ सुरेंद्र सहित सीआईपी के रेजिडेंट्स, छात्रों और स्टाफ ने सक्रिय भागीदारी निभाई।