- लगभग 30 हजार से अधिक शहरवासियों को मिलेगा शुद्ध पेयजल
- एशियन डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से खर्च होंगे 37 करोड़ रुपये
रांची। पलामू जिले के हुसैनाबाद नगरीय क्षे़त्र में पेयजलापूर्ति की समस्या दूर करने के लिए परियोजना शुरू की गयी है। इसके लिए डेवरीकला गांव स्थित सोन नदी के जल का जैव विविधता अध्ययन किया गया। अध्ययन प्रतिवेदन के आधार पर नमामि गंगे द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जाना है। हुसैनाबाद नगरीय क्षेत्र के लगभग 6500 आवासों यानी 30 हजार से अधिक लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया होगा। इस सुदूरवर्ती इलाके में गर्मियों में पेयजल की भारी किल्लत हो जाती है।
झारखंड शहरी पेयजलापूर्ति उन्नयन परियोजना के तहत एशियन डेवलपमेंट बैंक की सहायता से इस परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसपर 37 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसे मार्च, 2023 तक पूरा करना है। जुडको के पर्यावरण विशेषज्ञ प्रशांत टोप्पो के नेतृत्व एवं परियोजना प्रबंधक मिलिंद सेहरा की देखरेख में सोन नदी जैव विविधता का अध्ययन किया गया। जैव विविधता का अध्ययन रांची विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान विभाग के डॉ रोहित श्रीवास्तव और उनके सहयोगियों ने किया।
हुसैनाबाद प्रखंड के डेवरीकला गांव में सोन नदी में इस परियोजना का इंटेकवेल बनेगा। यहीं 60 किलोमीटर राइजिंग पाइप लाइन हुसैनाबाद शहर तक बिछाया जायेगा। इसके बाद आवासों तक पाइप लाइन बिछाया जायेगा। पेयजल की कमी का इस इलाके में सामाजिक एवं पर्यावरणीय प्रभाव भी पड़ता है। गर्मियों के मौसम में वैवाहिक कार्यक्रम प्रभावित होने के साथ दूर दराज के रिश्तेदार यहां आने से परहेज करते है।