- बेटियों के जन्म की किलकारी के साथ पहुंचते हैं डाकिया, बधाई के साथ खुलवाते हैं सुकन्या खाता
उत्तर प्रदेश। हमारे देश में बालिकाओं का स्थान महत्वपूर्ण है। बालिकाएं आने वाले कल हैं। ऐसे में बालिकाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से सुदृढ़ करने की जरूरत है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत आरंभ ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों में अब तक 2.72 लाख बालिकाओं के सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा चुके हैं। यही नहीं, 804 गांवों को सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम बनाया जा चुका है। इन गांवों में 10 साल तक की सभी योग्य बालिकाओं के सुकन्या खाते खोले जा चुके हैं। आज भी इन गांवों में किसी के घर बेटियों के जन्म की किलकारी गूंजती है तो डाकिया बाबू बधाई के साथ नवजात बालिका का सुकन्या खाता खुलवाना नहीं भूलते।
पोस्टमास्टर जनरल ने कहा कि बालिकाओं के सुदृढ़ीकरण से परिवार, समाज और अंतत: राष्ट्र भी मजबूत बनता है। 10 साल तक की बालिकाओं का मात्र 250 रुपए से डाकघर में खुलने वाला सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुड़ा हुआ है।
सुकन्या समृद्धि योजना में ब्याज दर 7.6 प्रतिशत है। जमा धनराशि व अर्जित ब्याज पर आयकर छूट भी है। इस योजना में एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम डेढ़ लाख रुपए जमा किये जा सकते हैं। बालिका के 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने अथवा 10वीं कक्षा पास कर लेने के बाद जमा राशि का 50 प्रतिशत तक निकाला जा सकता है।
खाते की परिपक्वता अवधि खाता खोलने की तारीख से 21 वर्ष है। हालांकि बालिका द्वारा 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने के बाद विवाह के समय इसे बंद किया जा सकता है। इसमें जमा धनराशि पूर्णतया बालिकाओं के लिए ही होगी। यह उनकी शिक्षा, करियर एवं विवाह में उपयोगी होगी।
यह योजना बालिकाओं के सशक्तिकरण के द्वारा भविष्य में नारी सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देगी। पोस्टमास्टर जनरल ने लोगों से अपील की कि गरीब व वंचित परिवार की बालिकाओं का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाकर नई पहल करें।