कांग्रेस पार्षद ने की आत्महत्या; सुसाइड नोट में इस पार्टी के पूर्व विधायक को ठहराया जिम्मेदार

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चंडीगढ़। बड़ी और दुखद खबर चंडीगढ़ से आयी है, जहां कांग्रेस पार्षद सुशील कालिया उर्फ ​​विक्की ने शनिवार शाम एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

उन्होंने कोई जहरीला पदार्थ खा लिया था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सुशील कालिया ने यह कदम इसलिए उठाया, क्योंकि अनुदान के गबन के लिए अपने वह बेटे समेत अपने और 18 अन्य के खिलाफ मुकदमा चलने से तनाव में थे।

हिंदी में लिखे दो पेज के सुसाइड नोट में वार्ड नंबर 64 से कांग्रेस पार्षद ने खुदकुशी के लिए बीजेपी के पूर्व विधायक के डी भंडारी और छह और लोगों (इनके नाम भी शामिल हैं) को जिम्मेदार ठहराया है।

पिछले साल पुलिस ने विधायक बावा हेनरी के करीबी सुशील कालिया, उनके बेटे अंशुमान और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।

सुशील कालिया और उनके परिवार के सदस्यों पर विधायक निधि के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था। सुशील कालिया ने इस मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से जमानत ले ली थी, लेकिन उनके बेटे को हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, लेकिन फिर भी कोर्ट से जमानत नहीं मिली।

विधायक बावा हेनरी ने अपनी विधायक निधि से जालंधर उत्तर निर्वाचन क्षेत्र, जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं, उसमे प्रत्येक छह कल्याणकारी समितियों को 10-10 लाख रुपये का अनुदान जारी किया था। अनुदान बैंक खाते से डेबिट किया गया था, लेकिन इसका आगे उपयोग नहीं किया गया था।

सरकार बदलने के साथ एडीसी, जालंधर द्वारा एक जांच की गई, जिसमें सुशील कालिया और उनके बेटे अंशुमान सहित 20 लोगों को दोषी पाया गया। पुलिस ने जांच रिपोर्ट के आधार पर सभी को एफआईआर में नामजद किया था।

पता चला है कि इसी तनाव के चलते शनिवार को पार्षद ने जहरीला पदार्थ निगल लिया। जब उनकी हालत बिगड़ने लगी, तो परिजन उन्हें सेक्रेड हार्ट अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। बता दें कि चंडीगढ़ में बीजेपी का मेयर बना है।

जालंधर उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक के डी भंडारी ने पैसे के दुरुपयोग के बारे में जिला अधिकारियों से शिकायत की थी। उपायुक्त (डीसी) ने आगे की जांच एडीसी को सौंपी थी।

जांच रिपोर्ट आने के बाद इस मामले की जांच के लिए फिर से एसआईटी का गठन किया गया, जिसमें सभी 20 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (Section 420 of IPC) भी जोड़ दी गई। केडी भंडारी ने मीडिया से कहा कि उन पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं, क्योंकि वह लंबे समय से सुशील कालिया के संपर्क में नहीं थे। डिवीजन वन पुलिस स्टेशन के एसएचओ जतिंदर कुमार ने सुसाइड नोट बरामद होने की पुष्टि की है।